कानूनी प्रक्रिया कोई पति-पत्नी तलाक लेना चाहते है, तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत अलग होने का अधिकार है।
गुजारा भत्ता कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिला को गुजारा भत्ता मिलेगा और पति की संपत्ति का हिस्सा भी मिलता है।
एकमुश्त रकम देनी होगी। पत्नी चाहे तो हर महीने, तीन महीने या सालाना भी यह रकम ले सकती है।
किसे मिलेंगे गहने पत्नी के नाम से जितनी संपत्ति होगी, उस पर उसका एकल अधिकार होता है। ज्वेलरी भी उसी के खाते में आएगी
अगर उसे गिफ्ट में कैश मिला होगा, उसपर भी पत्नी का ही अधिकार होगा। ज्वाइंट संपत्ति में उसे बराबर हिस्सेदारी मिलेगी।
संपत्ति में पत्नी का हक तलाक के मामले में जब कोर्ट फैसला करता है तो पति की पूरी संपत्ति में पत्नी का हक एक तिहाई से पांचवां हिस्सा होता है।
गुजारा भत्ता कितना पति की मासिक सैलरी में पत्नी की गुजारे के लिए 25 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी नहीं मिल सकती।
यदि दोनों की कोई संतान है तो पति और पत्नी, दोनों को ही अपनी कमाई से बच्चे के लिए अलग से पैसा देना पड़ता है।
अगर पति ने पत्नी के नाम पर चल या अचल संपत्ति ली है, लेकिन उसे गिफ्ट नहीं किया है तो उस पर पति का हक होगा।