आसमान में पायलट को कैसे पता चलता है रूट

फ्लाइट का रूट सबके

फ्लाइट का रूट सबके मन में एक सवाल तो जरूर ही आता होगा कि फ्लाइट के पायलट को सही रास्ता कैसे पता चलता है।

​रेडियो और रडार

​रेडियो और रडार जब पायलट हवाई जहाज को हवा में उड़ाता है तो उसे रेडियो और रडार के जरिए से रूट की जानकारी मिलती है।

जोरदार ब्याज पायलट

पायलट हवा में बातें करते हुए आपको आपके गंतव्य तक पहुंचा देता है। लेकिन वो रूट कैसे पता करता है।

​एयर ट्रैफिक कंट्रोल

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से पायलट को निर्देश मिलते रहते हैं। इस तरह वो फ्लाइट को सही डेस्टिनेशन पर पहुंचा देता है।

होरिजेंटल सिचुएशन

होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर पायलट को सही रास्ता दिखाने के लिए होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर (HSI) का भी इस्तेमाल किया जाता है।

कितनी ऊंचाई वैसे

कितनी ऊंचाई वैसे तो हवाई जहाज आमतौर पर 35 हजार फीट यानी 10.668 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ता है।

कॉमर्शियल प्लेन

कॉमर्शियल प्लेन सामान्य रूप से 33,000 से 42,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं।

तकनीक का इस्तेमाल

तकनीक के इस्तेमाल से पायलट फ्लाइट को सही रूट पर उड़ाते हैं और सभी को उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाते हैं।

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