Samachar Nama
×

9 महल वाला भव्य किला...जिसमें छिपा है सोना ही सोना, दुश्मन भी नहीं कर पाते थे हमला, वीडियो देख खुद करें फैसला

राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक जवाई बांध करीब 4900000 लाख लोगों की लाइफ लाइन हैं, राजस्थान में सबसे मशहूर लूनी नदी की सहायक नदी जवाई पर बना जवाई बांध अपने आस-पास के शहरों के लिए वन रक्षक के रूप में काम करता है। इसके साथ ही ये बांध अपनी अद्भुत....
https://youtu.be/DB1U_swAERc

राजस्थान के सबसे बड़े बांधों में से एक जवाई बांध करीब 4900000 लाख लोगों की लाइफ लाइन हैं, राजस्थान में सबसे म'''शहूर लूनी नदी की सहायक नदी जवाई पर बना जवाई बांध अपने आस-पास के शहरों के लिए वन रक्षक के रूप में काम करता है। इसके साथ ही ये बांध अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जन जीवन के लिए विश्व भर में भी काफी प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आये प्रवासी पक्षियों को निहारने का आनंद भी उठा सकते हैं। तो आईये आज हम आपको लेकर चलें देश के सबसे सुंदर बांधों में से एक जवाई बांध के वर्चुअल टूर पर 

यह बांध भारत के राजस्थान राज्य के पाली जिले के सुमेरपुर शहर के पास स्थित इस बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था । जवाई बांध राजस्थान के पाली, राजसमंद और उदयपुर जिलों में अरावली पहाड़ियों के सबसे ऊबड़-खाबड़ और जंगली हिस्से में स्थित है। जवाई नदी पर बांध बनाने का विचार 1903 में आया था क्योंकि मानसून के दौरान इसकी बाढ़ के पानी ने पाली और जालोर जिले में भारी नुकसान पहुंचाया था । इसे अंततः 1946 में आकार दिया गया। इस परियोजना का उद्देश्य नदी पर बांध बनाकर जलाशय बनाना था, जिसका उपयोग जल सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सके। इस बांध का निर्माण कार्य 12 मई 1946 को शुरू हुआ था, जो साल 1957 में बनकर तैयार हुआ। इस बाँध के निर्माण की शुरुवात अंग्रेज़ इंजीनियर एडगर और फ़र्गुसन के निर्देशन में हुई थी, हालाँकि आजदी के इस बांध का निर्माण मोतीसिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।

यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा मानव निर्मित बांध है, जो करीब 13 स्कवायर किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है। 7887.5 मिलियन क्यूबिक फीट की क्षमता के साथ ये बांध 102,315 एकड़ भूमि पर सिंचाई की जरूरतों को पूरा करता है। करीब 61.25 फीट की ऊंचाई के साथ जंवाई बांध लगभग 720 वर्ग किलोमीटर का जलग्रहण क्षेत्र बनाता है। लगभग 500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस बांध की जल आपूर्ति को पूरा करने के लिए इस पर सेई और कालीबोर फीडर बांध भी बनाये गए हैं। 

Facts About Rajasthan | Rajasthan Tourism | Flamingo Travels

आप अक्टूबर से मार्च के बीच कभी भी बांध घूमने जा सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम सुखद होने के साथ आरामदेह भी रहता है। लेकिन अगर आप अपनी यात्रा का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपको ठंड यानि सर्दियों के मौसम में पाली की यात्रा करना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में आप बांध के पास कई तरह के प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। इसके अलावा यह मौसम शहर के अन्य पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए भी अच्छा समय है।

जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है और यह प्रवासी एवं गैर-प्रवासी पक्षियों की एक प्रभावशाली श्रृंखला को आकर्षित करने के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें खुले आर्द्रभूमि की विशिष्ट और प्रतिष्ठित प्रजाति, सारस क्रेन शामिल हैं। अन्य प्रजातियों में नॉब-बिल्ड डक और इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक और सर्दियों के दौरान डेमोइसेल क्रेन, कॉमन ईस्टर्न क्रेन और बार-हेडेड गूज शामिल हैं। यह जीवों की एक बड़ी विविधता का भी घर है, जिनमें से कुछ अत्यधिक लुप्तप्राय प्रजातियाँ हैं। आसपास की पहाड़ियों में देखे जाने वाले और कभी-कभी बांध का पानी पीते हुए, वन्यजीवों में भेड़िया, तेंदुआ, सुस्त भालू, लकड़बग्घा, सियार, जंगली बिल्ली, सांभर हिरण, नीलगाय या नीला बैल, चैसिंह, चिंकारा और खरगोश शामिल हैं, और बांध के किनारे मगरमच्छ धूप सेंकते हैं। यह तेंदुआ देखने तथा विशिष्ट वन्यजीवन और पक्षी देखने के अनुभव के लिए एक असाधारण क्षेत्र है। 

Mharo Rajasthan - India Tourism Development Corporation - The Ashok Group  of Hotels

आप सड़क, हवाई और रेल मार्ग से जवाई बांध आसानी से पहुंच सकते हैं , ट्रैन से यहां पहुंचने के लिए सबसे करीबी रेलवे स्टेशन पाली मारवाड़ रेलवे स्टेशन हैं जो यहां से करीब 120 किलोमीटर की सूरी पर स्थित है। हवाई मार्ग से यहां पहुंचने के लिए सबसे निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बस या सड़क मार्ग से यहां पहुंचने के लिए सबसे करीबी बस अड्डा पाली बस स्टेशन है, जो यहां से लगभग 115 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।

Share this story

Tags