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अगर आपको भी करना हैं स्वर्ग का अनुभव तो, आप भी अपने परिवार के साथ जरूर जाएं उत्तराखंड की सैर पर !

अगर आपको भी करना हैं स्वर्ग का अनुभव तो, आप भी  अपने परिवार के साथ जरूर जाएं उत्तराखंड की सैर पर !

अगर आप घूमने का प्लान कर रहे हैं तो उत्तराखंड जा सकते हैं। उत्तराखंड अपने खूबसूरत, ऊंचे पहाड़ों, हरे भरे घास के मैदानों और घुमावदार सड़कों के लिए प्रसिद्ध है। जी हां, उत्तराखंड में वैसे तो कई झीलें हैं, लेकिन यहां कुछ झीलें ऐसी भी हैं जो बेहद ऊंचे पहाड़ों पर स्थित हैं। जी हां और इन झीलों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। अब आज हम आपको उत्तराखंड के पहाड़ों के बीच छुपी कुछ ऐसी झीलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको स्विट्जरलैंड की याद दिला देंगी। यहां जाकर आप खूब एन्जॉय करेंगे।

रूपकुंड झील - पहला नाम रूपकुंड झील का है। जी हां, रूपकुंड झील उत्तराखंड की सबसे ऊंची झीलों में से एक है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यहां से आप त्रिशूल चोटी को आसानी से देख सकते हैं। इस झील को मिस्टीरियस लेक के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां कई साल पहले मानव कंकाल मिले थे। रूपकुंड झील गर्मियों में घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है। जी हां और यह झील हर मौसम में जमी रहती है।

केदार ताल - केदार ताल उत्तरकाशी क्षेत्र में 5000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक ग्लेशियर झील है। जी हां, केदार ताल से थलयासागर चोटी को आसानी से देखा जा सकता है। आपको यहां जाने में मजा आएगा।

हेमकुंड झील - इस झील को बहुत पवित्र माना जाता है। जी हां और इस झील का पानी साल में 8 महीने जमी रहती है। दरअसल यह झील बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी हुई है। मान्यताओं के अनुसार, सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने इस झील के किनारे ध्यान लगाया था।

सातताल झील - आपको बता दें कि यह झील नैनीताल से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जी हां और यहां सात झीलों का समूह है। कुछ तालाब अब सूख चुके हैं। इसके साथ ही यह घने ओक के पेड़ों से घिरी जगह में स्थित है और यहां पक्षियों की आवाज आपको भी खुश कर सकती है।

देव ताल - देव ताल को देवताओं का ताल कहा जाता है। मान्यता है कि इस कुंड में देवता स्नान किया करते थे। जी हां और यह जगह पास के जीरो पॉइंट से करीब तीन किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही यह कुंड चारों तरफ से बर्फ के पहाड़ों से घिरा हुआ है।

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