
ट्रेवल न्यूज डेस्क, हिंदू धर्म में नवरात्री को सबसे पावन पर्व के रूप में माना जाता है। इस पर्व को नौ दिन रात शरद ऋतु के दौरान मनाया जाता है। लेकिन भारत विविधताओ का देश है। यहां पर हर राज्य में नवतात्री के त्योहार को अलग अलग रीति रिवाजों व परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। हालांकि नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित है, लेकिन दक्षिण भारत के कुछ राज्य इसे ज्ञान की देवी सरस्वती जैसे अन्य हिंदू देवताओं को भी समर्पित करते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में यही बताने जा रहे हैं कि भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरह से किस तरह नवरात्रि मनाई जाती है।
उत्तर प्रदेश और बिहार
नवरात्रि का त्योहार उत्तर प्रदे व बिहार में रामलीला करके मनाया जाता है। नौ दिन रात के चलते नाटकीय रूप में सिनेमाघरों, मंदिरों में भगवान राम के जीवन को दिखाया जाता है। पवित्र मंदिरों में देवी की विशेष पूजा करने के अलावा, स्थानीय लोग पंडाल सजाते हैं औ शास्त्र दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिनों में छोटी लड़कियों को पूजते है और उन्हे हर घर में खाना खिलाते है।
वेस्ट बंगाल और असम
वेस्ट बंगाल और असम में हर साल विभिन्न थीम पर भव्य पंडाल दुर्गा, गणेश, कार्तिकेय, सरस्वती और लक्ष्मी की सुंदर मूर्तियों को स्थापित करने के लिए स्थापित किए जाते हैं। नवरात्रि के आखरी दिन यानी दशमी को सभी पांडलों की मुर्तियों को बड़े धूम धाम में विसर्जित किया जाता है। पुजारी चार दिनों की अवधि के लिए शास्त्रों के आदेश के अनुसार संस्कार करते हैं।पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के दौरान ढाक की थाप पर नाचना, पंडाल-हॉपिंग, स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाना, सुंदर पोशाक पहनना, अवश्य किया जाना चाहिए।
राजस्थान
राजस्थान राज्य में नवरात्रि आते ही त्योहारी सीजन की शुरूआत हो जाती है। नवरात्रि के आखरी दिन यानी दशमी को राजस्थान में दशहरा का मेला सुप्रिसिद्द है इसको देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है। यहां रावण का सबसे ऊंचा, 72 फुट का पुतला लगाया जाता है और फिर उस दशहरे पर फूंका जाता है। बाद में, राजस्थान के विभिन्न शहरों में धनतेरस तक 20 दिनों के मेले का आयोजन किया जाता है, जो भारत में एक और धार्मिक त्योहार दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है।