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Dehradun सिर्फ नौ मिनट में तय होगा खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का सफर, नहीं चढ़नी पड़ेगी खड़ी चढ़ाई; यात्रा होगी सुगम

Dehradun सिर्फ नौ मिनट में तय होगा खरसाली से यमुनोत्री धाम तक का सफर, नहीं चढ़नी पड़ेगी खड़ी चढ़ाई; यात्रा होगी सुगम

उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क !!! उत्तराखंड के चार धामों में से एक यमुनोत्री की यात्रा न सिर्फ आने वाले दिनों में आसान होगी, बल्कि बूढ़े भी वहां आसानी से पहुंच सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार खरसाली से यमुनोत्री तक रोपवे के निर्माण को तेज करने जा रही है। साढ़े तीन किलोमीटर लंबे इस रोपवे के बनने के बाद श्रद्धालु महज नौ मिनट में धाम पहुंच सकेंगे। फिलहाल खरसाली से यमुनोत्री की दूरी पैदल तय करने में करीब तीन घंटे का समय लगता है। 183 करोड़ की लागत वाले इस रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग जल्द ही एक फर्म के साथ समझौता करने जा रहा है। राज्य सरकार का विशेष ध्यान पर्यटन और तीर्थयात्रा की आवाजाही को सुगम बनाने पर है। पिछले पांच वर्षों में कई रोपवे परियोजनाओं के लिए इस दिशा में कदम उठाए गए हैं। इनमें देहरादून-मसूरी, कद्दुखल-सुरकंडा देवी, तुलसीगढ़-पूर्णागिरी, गौरीकुंड-केदारनाथ, घांघरिया-हेमकुंड साहिब जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को लंबित रोपवे परियोजनाओं के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में यमुनोत्री रोपवे के लिए कवायद तेज कर दी गई है। दरअसल, यमुनोत्री धाम तक पहुंचने के लिए खरसाली से छह किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है। इसे देखते हुए वर्ष 2008 में यमुनोत्री के लिए रोपवे तैयार किया गया था। तब टेंडर हुए थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। वर्ष 2010 में फिर से पहल हुई और रोपवे के निर्माण की जिम्मेदारी एक फर्म को सौंपी गई। खरसाली में रोपवे के लिए ग्रामीणों ने पर्यटन विभाग को चार हेक्टेयर जमीन दी। वर्ष 2014 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसके लिए अनापत्ति जारी की थी। बाद में, यात्रियों की आवाजाही कम होने की बात कहकर फर्म ने रोपवे के निर्माण से वापस ले लिया। इस वजह से मामला पिछले तीन साल से लटका हुआ था। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर के अनुसार, जून 2013 में आपदा और पिछले साल कोरोना संकट से निपटने के बाद, इस बार चारधाम यात्रा अच्छी रही, इसलिए इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। एक फर्म ने यमुनोत्री रोपवे के निर्माण में रुचि ली है और अब समझौते की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि जिस फर्म को पहले काम दिया गया था, उसके बिल आदि का मामला सुलझने वाला है। अब रोपवे के निर्माण के लिए पहले बनी कंपनी को नई फर्म को सौंपा जाएगा। पीपीपी मोड में बनने वाली यमुनोत्री रोपवे परियोजना पर इसी वित्तीय वर्ष में काम शुरू करने का प्रयास है। रोपवे के बनने से यमुनोत्री जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुविधा होगी।

देहरादून न्यूज़ डेस्क !!! 

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