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METRAT साहित्य से भरी है युवाओं की लाइब्रेरी, जानिए-कौनसी किताबें सबसे ज्‍यादा पढ़ी जा रही

METRAT साहित्य से भरी है युवाओं की लाइब्रेरी, जानिए-कौनसी किताबें सबसे ज्‍यादा पढ़ी जा रही

 उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!!  युवा पीढ़ी साहित्य पढऩे के साथ ही अब पुस्तकों को सहेजना भी सीख गई है। एक छोटी लाइब्रेरी युवाओं के रूम में आसानी से मिल जाएगी। युवा किताबों के माध्यम से अपनी संस्कृति को जानना चाहते हैं। यही कारण है कि धर्म और अध्यात्म से जुड़ी किताबों की मांग बढ़ी है अंग्रेजी साहित्य के पाठकों के मुकाबले हिंदी साहित्य के पाठकों की संख्या किसी भी मायने में कम नहीं है। आज हिंदी साहित्य की भी वही मांग है, जो अंग्रेजी साहित्य की है। तभी तो अंग्रेजी भाषा में लिखी गई किताबों को हिंदी पाठकों तक पहुंचाने के लिए उनका तेजी से हिंदी में अनुवाद किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में अंग्रेजी भाषा में लिखी गई लगभग हर लेखक की किताब को हिंदी बाजार में उतारा गया है।

 पाठकों ने हाथों हाथ लिया भी है। कुछ ऐसे उदाहरण भी देखने को मिले हैं, जब हिंदी में अनुवाद की गई किताबों की बिक्री अंग्रेजी किताब से अधिक हुई है।हिंदी दिवस पर यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हिंदी साहित्य हमेशा की ही तरह आज भी समसामयिक और प्रासंगिक बना हुआ है।  तो युवा पीढ़ी पुराना हिंदी साहित्य और चेतन भगत से लेकर अमीश तक की हिंदी में अनुवाद की गई सभी किताबों में दिलचस्पी ले रही है। पुस्तक विक्रेताओं का कहना है कि पुराने साहित्य में आज भी फणीश्वर नाथ रेणु की मैला आंचल, कमलेश्वर की कितने पाकिस्तान, श्रीलाल शुक्ल की राग दरबारी और भीष्म साहनी की तमस की बिक्री सबसे अधिक है।]

 कालजयी रचनाओं को हर उम्र के लोग पसंद करते हैं।पाठक नए और पुराने दोनों ही तरह के हिंदी साहित्य को पसंद करते हैं। फिर चाहे वह मुंशी प्रेमचंद हों या फिर जयशंकर प्रसाद की किताबें। नए साहित्य में फिक्शन की अधिक मांग है। हालांकि धाॢमक पुस्तकों की मांग भी इन दिनों बढ़ी है।

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