किसी भी क्रांतिकारी या प्रतापगढ़ की विभूति के नाम से कालेज का नामकरण किया जाए, सोनेलाल नाम उचित व स्वीकार्य नहीं है। आंदोलन के संयोजक अभिषेक तिवारी ने कहा था कि प्रतापगढ़ के उत्थान, विकास या मान बढ़ाने के संदर्भ में डा. पटेल का कोई योगदान नहीं है। अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे महापुरुष के नाम पर रखा जाए तो उचित होगा। आंदोलन के साथ ही पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ भी सरकार के निर्णय के खिलाफ मुखर हो गए थे। उनको धमकी भी मिली थी कि वह चुप रहें।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि, पूरे केशवराय में मेडिकल कालेज के आसपास और शहर में कई होर्डिग लगवा दी, जिसमें लिखा था कि सरदार बल्लभ भाई पटेल राजकीय मेडिकल कालेज आने पर आपका स्वागत है। यही नहीं सदर विधायक राजकुमार पाल, विश्वनाथगंज विधायक डा. आरके वर्मा ने सौरभ पर तल्ख टिप्पणी भी की थी। इतनी आवाज उठने, आरोपों व तीखे बयानों के तीर चलने के बाद भी सरकार ने नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया। यह बात मेडिकल कालेज के नाक-कान, गला विभाग के बोर्ड को देखकर खुद ही साबित हो जाती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, इसमें डा. सोनेलाल पटेल स्वशाषी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय लिखा है। इस बारे में प्रिंसिपल डा. आर्यदेश दीपक का कहना है कि शासन से जो नाम आया है उसका ही प्रयोग किया जा रहा है। कालेज का नाम डा. सोनेलाल पटेल स्वशाषी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय है और अस्पताल का नाम प्रताप बहादुर चिकित्सालय है। कुछ दिन में ओपीडी के पर्चे समेत अभिलेखों पर भी यही अंकित होने लगेगा।