Samachar Nama
×

Noida  जीबीयू 25  जिला प्रशासन को सौंप देगा एसआइए रिपोर्ट

Angry cow attacked firefighter, see what happened next in the video
   उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!! बताया जा रहा है कि, करौली बांगर गांव में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की टीम ने सोशल इंपेक्ट एसेसमेंट (एसआइए) का काम शुरू कर दिया है। विरोध के बावजूद करीब साठ फीसद ग्रामीणों ने एसआइए के लिए फार्म भरकर दे दिए हैं। पांच गांवों में एसआइए का काम पहले ही पूरा हो चुका है। विश्वविद्यालय की टीम 25 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप देगी।सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कियह एसआइए नोएडा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अधिगृहीत होने वाली जमीन हेतु कराया जा रहा है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसके लिए प्रभावित छह गांव दयानतपुर, रन्हेरा, करौली बांगर, कुरैब, बीरमपुर, मुढरह में एसआइए किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी शासन ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की टीम को दी है। एसआइए के लिए गठित टीम के नोडल अफसर प्रोफेसर विवेक मिश्रा ने बताया कि पांच गांवों में एसआइए का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। करौली बांगर गांव में कुछ ग्रामीणों के विरोध के कारण इसमें अड़चन आ रही थी। वार्ता के बाद अधिकतर ग्रामीण सहमति हो चुके हैं। गांव में एसआइए शुरू हो गया है।सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि करीब 60 फीसद ग्रामीणों ने फार्म भर दिए हैं।

सबसे अधिक रन्हेरा गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण

दूसरे चरण में जिन गांवों की जमीन का अधिग्रहण होना है, उसमें सबसे अधिक जमीन रन्हेरा गांव की है। यहां करीब 519 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। इसके अलावा कुरैब गांव की 345 हेक्टेयर, बीरमपुर की 96 हेक्टेयर, दयानतपुर की 165 हेक्टेयर, करौली बांगर की 183 हेक्टेयर व मुढरह की 43 हेक्टेयर जमीन शामिल है। एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए भी रन्हेरा व दयानतपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है किरनवे व एमआरओ की होगी गतिविधि : दूसरे चरण के लिए अधिगृहीत होने वाली जमीन पर एयरपोर्ट का तीसरा रनवे व मेंटीनेंस, रिपेयर, ओवरहालिग (एमआरओ) की गतिविधि होगी। नोएडा एयरपोर्ट को देश का सबसे बड़ा एमआरओ का केंद्र बनाने की योजना है। विमानों को मरम्मत आदि कार्य के लिए दूसरे देशों का रुख करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। अभी तक नागपुर व दिल्ली में एमआरओ की सुविधा है, लेकिन यह छोटे स्तर पर हैं।

Share this story