उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!! लोनी के मीरपुर, नवादा, अलीपुर, खानपुर, मंडौला, रजापुर विकास खंड़ के मानकी, दौसा बंजारपुर, जलालाबाद,इकला, इनायतपुर,नंगला, अटौर,मोहनपुर, मथुरापुर, भोजपुर विकास खंड़ के गांव कलछीना, सैदपुर, फरीदनगर,त्यौड़ी, नाहल और मुरादनगर के गांव नेकपुर, विहंग, आमतबागपत, सुराना और मकरैडा शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर योजना सफल होती है तो अन्य गांवों के तालाबों में भी गम्बूजिया मछलियां छोड़ी जाएगी।
मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना को अमलीजामा दिया जाएगा। हर साल बारिश के मौसम में डेंगू व मलेरिया के मामलों में भी कमी आएगी। कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और मलेरिया के मच्छरों को मारने के लिए अतिसंवेदशील क्षेत्रों के तालाबों में गम्बूजिया मछलियां डालने की योजना बनाई है। एनसीडीसी दिल्ली की अनुमति मिलने के बाद जिला मलेरिया विभाग पांच हजार गम्बूजिया मछली खरीदने की तैयारी कर रहा है। मत्स्य विभाग की मंजूरी मिलते ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में मछली छोड़ी जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि,विभाग का दावा है कि यह मछली डेंगू और मलेरिया के लार्वा को खाकर नष्ट कर देती है।पहले चरण में मलेरिया और डेंगू प्रभावित जिले के अतिसंवेदनशील 25 गांवों के तालाबों को चिह्न्ति किया गया है। दूसरे चरण में शहरी क्षेत्र के कुछ गांवों के तालाबों में भी मछलियां छोड़ने की योजना है। बिहार और दिल्ली में मच्छर एवं लार्वा खत्म करने के लिए इन मछलियों का प्रयोग सफल रहा है। उन्होंने बताया कि एनसीडीसी की टीम द्वारा जिले में किए गए निरीक्षण के बाद मछलियों के उपयोग की अनुमति दी गई है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. ज्ञानेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि ठहरे पानी और तालाबों में एंटी लार्वा का छिड़काव कई बार नहीं हो पाता है। ऐसे में गम्बूजिया मछली तालाबों में छोड़ने की योजना है। उम्मीद है कि इससे मच्छरों के लार्वा आसानी से खत्म किया जा सकता है।