घरेलू विवाद में CRPF जवान ने पत्नी और बेटे को मारी गोली, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के सारंगपुर मार्ग गांव स्थित कचहरी में शुक्रवार शाम मंजू (35) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने ताबड़तोड़ तीन गोलियां चलाईं, ताकि वह बच न सके। परिजनों का आरोप है कि हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि मंजू के पति ने ही की है। मंजू के पति सीआरपीएफ में तैनात हैं। उनका भरण-पोषण का मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
मंजू की हत्या के बाद बेटी मोहिनी (9) और बेटा आरके (7) बिलख रहे थे। वह शव से लिपट गए। पुलिस ने किसी तरह उन्हें अलग किया। बेटी एक ही बात कह रही थी कि अब वह किसके सहारे जिएगी। मोहिनी कक्षा 4 में पढ़ती है। मां के शव के पास बैठकर वह बार-बार बेहोश हो रही थी। जब भी उसे होश आता तो वह यही कहने लगती कि अब हमारा ख्याल कौन रखेगा? पापा ने मां को हमसे छीन लिया। मोहिनी की यह बात सुनकर सभी की आंखें भर आईं। परिजनों ने बताया कि मंजू घरों में काम करके बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। उन्होंने फतेहाबाद में एक प्लॉट भी खरीदा था, लेकिन इस ज़मीन ने भी उन्हें चैन नहीं लेने दिया। लगभग एक साल पहले मंजू का ननद से प्लॉट को लेकर विवाद हुआ था जो मारपीट में बदल गया। मामला थाने भी पहुँचा।
बड़ा बेटा पिता के साथ, पर माँ से दूर
मंजू का बड़ा बेटा अमर पिछले कुछ समय से अपने पिता मनोज के साथ रह रहा था। माँ और बेटे के बीच दूरी तो ठीक थी, लेकिन रिश्तों की गर्माहट खत्म नहीं हुई। माँ के न होने की खबर से अमर भी गहरे सदमे में है। तीन मासूम बच्चों के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। एक माँ जिसने अपना पूरा जीवन संघर्ष में बिताया, उसकी मौत ने न सिर्फ़ उसकी ज़िंदगी की कहानी ख़त्म कर दी, बल्कि उन बच्चों की दुनिया भी उजाड़ दी जिनके लिए वह जीती थी।
थाना निबोहरा के गढ़ी केसरी निवासी हरि सिंह ने बताया कि बेटी मंजू की शादी 14 साल पहले राजाखेड़ा (राजस्थान) के गाँव समोना निवासी मनोज कुमार उर्फ चरण सिंह से हुई थी। मनोज राजस्थान में सीआरपीएफ में तैनात हैं। दोनों के बीच 8 साल से विवाद चल रहा था। इस वजह से मंजू अपनी 9 साल की बेटी मोहिनी और 7 साल के बेटे आरके के साथ घर पर रह रही थी। उसने अपने पति के खिलाफ कोर्ट में भरण-पोषण का केस दायर किया था। शुक्रवार को कोर्ट की तारीख थी। इसमें पेश होने के लिए मंजू सुबह ही पागल हो गई थी।
गढ़ी केसरी पैदल जा रही थी
पिता ने बताया कि बेटी शाम करीब 4:30 बजे फतेहाबाद आई थी। इसके बाद गढ़ी केसरी पैदल जा रही थी। बेटी मोहिनी ने सारंगपुर गाँव से आगे कुतुकपुर गोला के पास मंजू को फोन किया। उससे आने के बारे में पूछा। मंजू ने थोड़ी देर में घर पहुँचने की बात कही। आरोप है कि मंजू सारंगपुर से कुछ दूर पहुँची ही थी कि उसे गोली मार दी गई। मंजू सड़क किनारे झाड़ियों में गिर गई। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग घबरा गए। कुछ देर बाद लोग पास पहुँचे। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पूर्वी क्षेत्र के डीसीपी अली अब्बास ने बताया कि घटनास्थल पर तीन बक्से मिले हैं। प्रथम दृष्टया महिला को एक ही गोली लगने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी। पति पर हत्या का आरोप लगाया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम लगा दी गई है। बेटी मोहिनी ने बताया कि माँ ने फोन पर बातचीत में बताया था कि रास्ते में पिता मनोज, चाचा और फूफा बाइक से उसका पीछा कर रहे थे। उनसे बहस कर रहे थे। वह तेजी से घर की ओर आ रही थी। उन्होंने कुछ देर बाद फोन काट दिया। बाद में फोन पर उसकी हत्या की सूचना मिली।
उन्होंने कहा कि ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे
पिता हरि सिंह ने बताया कि मंजू के तीन बच्चे अमर (11), मोहिनी (9) और आरके (8) हैं। दामाद का किसी दूसरी महिला से संबंध है। वह उसके साथ रह रहा है। बेटी को घर से निकाल दिया गया। आरोप है कि शादी की तारीख पर ही पति और उसके रिश्तेदारों ने ज़िंदा नहीं छोड़ने की धमकी दी थी। उन्हें नहीं पता था कि वह ऐसा कर देगा।

