उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!!: विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा ने तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। संगठन की समीक्षा के लिए नगर अध्यक्ष चौधरी शहरयार के कार्यालय पर पार्टी की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष महेंद्र आनंद ने की। मुख्य सेक्टर प्रभारी रामगोपाल ने कहाकि बहुजन समाज पार्टी की पुन: सरकार बना कर पार्टी की मुखिया बहन मायावती को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाना है। इसके लिए सभी कार्यकर्ता युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दें। रामगोपाल ने कहाकि कार्यकर्ता बूथ स्तर पर काम करें। बूथ स्तर के कार्यकर्ता पार्टी की नींव होते हैं।
रामगोपाल ने युवाओं को भी बड़ी संख्या में पार्टी से जोड़ने का आह्वान किया। युवाओं की भूमिका चुनाव में सबसे अहम होगी। मुख्य सेक्टर संयोजक विश्वनाथ पाल ने कहाकि भाजपा सरकार में जनता महंगाई से त्रस्त है। युवा रोजगार के लिए भटक रहा है। सरकार धर्म व जाति के नाम पर विकास के मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। चौधरी शहरयार ने कहा कि रुदौली विधानसभा क्षेत्र में बसपा मजबूत हुई है। सर्वसमाज बसपा के साथ है। अल्पसंख्यक वर्ग भी बसपा की ओर उम्मीद भरी नजर से देख रहा है। बैठक का संचालन धर्मेंद्र रावत ने किया। इस अवसर पर सेक्टर प्रभारी विजय गौतम, हिम्मत सिंह सरोज, मुहम्मद इदरीश, डॉ. रामभारत, रामप्रकाश यादव, शोएब शेख, पटेश्वरदीन, रामसिगार यादव, अवध यादव, सलीम राईन, प्रमोद कौशल, राम सिंह आदि मौजूद रहे।
खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि, चांदी का मुकुट न देने पर संगठन को निष्क्रिय बताया : सरोजअयोध्या : समाजवादी महिला सभा में महिला सम्मेलन के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिलाध्यक्ष सुनीता श्रीवास्तव के बाद महानगर अध्यक्ष सरोज यादव ने भी प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा पर हमला बोला। जिलाध्यक्ष के बाद महानगर अध्यक्ष सरोज यादव ने भी प्रदेश अध्यक्ष के विरुद्ध विरोध के स्वर बुलंद किए हैं। संगठन में उठ रहे बवंडर के बीच बेफिक्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष ने जनौरा के डंड़वा गांव में चौपाल लगा अखिलेश सरकार की उपलब्घियों को गिनाया। आपकी जानकारी के लिए बता दे की, दूसरी ओर महानगर अध्यक्ष ने उन पर आरोप लगाया कि महानगर कमेटी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष को चांदी का मुकुट न पहनाये जाने से उसे निष्क्रिय बता दिया गया।
सात सितंबर को उनके आपत्ति करने पर भी जारी प्रेसनोट में भी पुत्री को संयोजक बताया, जो सत्य नहीं है। उनके अनुसार महानगर कमेटी की तरफ से सम्मेलन में आए अतिथियों को पांच रामदरबार का चित्र भेंट किया गया। अगर संगठन निष्क्रिय रहा तो सम्मेलन में महिलाओं की भीड़ और अतिथियों का सम्मान कैसे संभव हुआ। महिला सम्मेलन को लेकर महान