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Bareilly  बरेली के उलेमाओं ने लड़कियों को शिक्षा देने का किया समर्थन; बोले- बुर्का पहनकर पढ़ाई करें, ये वक्त की जरूरत

After Smriti Mandhana, Harmanpreet Kaur, Shefali Verma also did away with The Hundred, due to which the Indian opener left

 उत्तर प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!!अफगानिस्तान में तालिबान कब्जे के बाद वहां की महिलाओं के हिजाब पहनने की पाबंदियों पर बरेलवी उलेमा ने भी बच्चियों की पढ़ाई का समर्थन किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें किबरेली की दरगाह आला हजरत के मौलाना शहाबुददीन रजवी के ने कहा है कि कुरआन इल्म इजाजत देती है। अफगानिस्तान में महिलाएं शरीयत पर अमल करते हुए पढ़ना चाहती है, तो उन्हें पढ़ने की इजाजत मिलनी चाहिए।

धार्मिक शिक्षा के साथ स्कूल शिक्षा पर मुस्लिम संप्रदाय में जोर दिया जा रहा है। बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए इल्म से जोड़ा जा रहा है। समाज में लिंग के आधार पर भेदभाव का मुद्दा अब पीछे छूट चुका है। अफगानिस्तान में भले ही तालिबान का कब्जा हो गया हो।खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि, लेकिन महिलाओं ने बुर्का पहनकर पढ़ाई का अधिकार मांगा है। उन्होंने कहै कि सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के मंजूर-ए-इस्लाम से ई-पाठशाला द्वारा मरकजे अहले सुन्नत से नेपाल के मुसलमानों से रिश्तों को मजबूत किया।

दरगाह के मुफ्ती गुलाम मुस्तफा ने कहा कि कामयाबी के रास्तों पर चलने के लिए इल्म जरूरी है। पता चला है कि अफगानिस्तान की महिलाएं पढ़ाई का अधिकार मांग कर रही हैं। वहां के हुक्मरानों को चाहिए वो ऐसी महिलाएं जो बुर्का में रहकर, शरीयत हुक्म पर अमल करते हुए तालीम हासिल करना चाहती है, उन्हें पढ़ने से न रोका जाए।

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