युवतियों का वीडियो बनाकर वायरल करने वाले हैदरी दल के कार्यकर्ता भूमिगत, पुलिस ने शुरू की तलाश

बरेली में गांधी उद्यान में युवतियों का वीडियो बनाकर वायरल करने का मामला सामने आया है, जिससे शहर में सनसनी फैल गई है। आरोप है कि हैदरी दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने इस आपत्तिजनक वीडियो को रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपित कार्यकर्ता भूमिगत हो गए हैं, और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
घटना का विवरण
यह घटना गांधी उद्यान की है, जहां कुछ युवतियों का वीडियो लिया गया और फिर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। वीडियो में युवतियों की निजता का उल्लंघन करते हुए उनका बिना अनुमति के वीडियो बनाना और उसे सार्वजनिक करना गंभीर अपराध है। वीडियो वायरल होने के बाद युवतियों और उनके परिवारों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी नाराजगी की लहर पैदा कर दी है।
पुलिस की कार्रवाई
बरेली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि आरोपितों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपित हैदरी दल के कार्यकर्ता फरार हो गए हैं, और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
हैदरी दल के कार्यकर्ताओं का सोशल मीडिया पर बयान
इसी बीच, हैदरी दल के कार्यकर्ताओं ने सीओ प्रथम का फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट के स्टेटस पर लगाकर अपने भगोड़े साथियों को दिलासा देने का प्रयास किया है। सोशल मीडिया पर यह संदेश डाला गया कि "केस निपट गया है, डरने की कोई बात नहीं है।" इस कदम ने पुलिस और प्रशासन के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है, क्योंकि यह संदेश भगोड़े आरोपियों को राहत देने और पुलिस के खिलाफ उनका मनोबल बढ़ाने का प्रयास प्रतीत होता है।
पुलिस की चेतावनी
पुलिस ने इस मामले में कड़ी चेतावनी दी है कि आरोपियों का किसी भी तरह से बचाव करना या सोशल मीडिया पर उन्हें बढ़ावा देना कानून के खिलाफ है। पुलिस ने कहा कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाई या आरोपियों को शरण दी, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
समाज में बढ़ती चिंता
यह घटना समाज में बढ़ती असामाजिक गतिविधियों और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। युवतियों की निजता और सम्मान का उल्लंघन करना न केवल अपराध है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती असुरक्षा की स्थिति को भी उजागर करता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज में महिलाओं को सुरक्षा का एहसास हो सके।