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भूकंप से फिर कांपी धरती, बीकानेर में महसूस किए गए जोरदार झटके

भूकंप से फिर कांपी धरती, बीकानेर में महसूस किए गए जोरदार झटके

राजस्थान में आज आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने धर्म और धार्मिक स्थलों पर जाने के संबंध में स्पष्ट शब्दों में बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का धर्म स्वयं तय होगा, कोई राजनीतिक दल नहीं। मैं राम मंदिर जाऊंगा, लेकिन कब जाऊंगा, इसका फैसला मैं करूंगा, कोई राजनीतिक पार्टी नहीं।

मैंने महाकुंभ मेले में जाने की योजना बनाई थी, लेकिन भगदड़ जैसी घटनाओं के बाद मैंने यात्रा स्थगित कर दी। मैं सनातनी हूं और मुझे इसके लिए किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। धार्मिक स्थलों की मेरी यात्राएं पूरी तरह मेरी अपनी इच्छा पर आधारित हैं, किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं। महाकुंभ में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं या नहीं, इस सवाल पर व्यंग्यात्मक लहजे में महाकुंभ को संबोधित करते हुए थरूर ने हल्के लहजे में कहा, 'मित्र, आप पाप क्यों कर रहे हैं?' धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।


केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया
केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि देश को इस समय रोजगार की जरूरत है, लेकिन वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का जिक्र तक नहीं किया। आय दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है, जबकि खर्च बढ़ता जा रहा है। बड़े निवेशक देश छोड़ रहे हैं और इसका कारण पता लगाने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिसके कारण छोटे उद्योग रोजगार देने में असमर्थ हैं।

मध्यम वर्ग खुश है, गरीब उपेक्षित
आयकर छूट को लेकर शशि थरूर ने कहा कि मध्यम वर्ग 12 लाख रुपये तक की छूट से खुश है, लेकिन बेरोजगारों के लिए बजट में कोई राहत नहीं है।

रक्षा बजट की प्रशंसा
रक्षा क्षेत्र में सर्वाधिक आवंटन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए थरूर ने कहा कि चीन जैसे देशों को यह संदेश जाना चाहिए कि भारत शक्तिशाली है।

शिक्षा और मनरेगा को लेकर चिंताएं
शशि थरूर ने मांग की कि शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च किया जाना चाहिए, जो वर्तमान में 4.8 प्रतिशत है। उन्होंने मनरेगा बजट में कटौती पर भी नाराजगी जताई और इसे गलत बताया।

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