Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर जयपुर को चढ़ेगा 'पतंगबाजी का रंग', लेकिन सुबह-शाम रहेगी इतने देर की पाबंदी, जानें क्यों ?
हर साल की तरह इस साल भी मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा, जिस पर पतंगबाजी के शौकीन बाजार में खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। इस बार बाजार में कई तरह के रंग-बिरंगे पतंगे नजर आ रहे हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी मकर संक्रांति के त्यौहार को लेकर काफी उत्साह है। जयपुर के हांडी बाजार स्थित पतंग दुकानदारों का कहना है कि इस बार बाजार काफी अच्छा है, बिक्री भी अच्छी हो रही है। हालांकि वस्तुओं पर महंगाई हो गई है, लेकिन फिर भी लोगों में पतंगबाजी को लेकर उत्साह है। ऐसे में पतंगों और मांझों की बिक्री जोरों पर चल रही है।
जयपुर में पतंग उड़ाना प्रसिद्ध है।
दुकानों पर खरीदारी करने आए लोगों का कहना है कि राजधानी जयपुर की पतंगबाजी पूरी दुनिया में जानी जाती है और इस त्यौहार को हिंदू और मुस्लिम दोनों ही मिलजुल कर मनाते हैं। हम भी काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. कल की तैयारी. पतंगबाजी के साथ-साथ खाने-पीने का सामान भी इस त्योहार को खास बनाता है। शिक्षा नगरी कोटा में भी मकर संक्रांति के महापर्व की तैयारियां चल रही हैं। यहां पतंगों का बाजार सज गया है। दुकानें रंग-बिरंगी पतंगों से भरी हुई हैं। खरीदार दुकानों पर पहुंच रहे हैं और त्योहार को लेकर काफी उत्साह है। हालांकि, इस बार पतंगबाजी पर राजनीतिक दलों का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। खास बात यह है कि इस बार पतंग की दुकान पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी और डबल इंजन वाली सरकार की पतंग भी चर्चा में है।
चीनी मांझे की बिक्री पर सख्ती
उधर, मकर संक्रांति से पहले राजस्थान के कई शहरों में चाइनीज मांझे को लेकर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। झुंझुनूं के चिड़ावा में शनिवार दोपहर चाइनीज मांझे की बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नगर पालिका की विशेष टीम ने 60 से अधिक चाइनीज मांझे की चरखियां जब्त की हैं। चाइनीज मांझे के खिलाफ की गई कार्रवाई से पतंग मांझा बेचने वालों में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि लोहड़ी के त्योहार के बाद मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इसे खिचड़ी, उत्तरायण और पोंगल आदि नामों से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन को जप, तप, स्नान और दान का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति पर दान का बहुत महत्व है। इस दिन विशेष रूप से तिल, खिचड़ी, गुड़ और कंबल का दान करना चाहिए।