इंदौर कलेक्टर ऑफिस में जनता दरबार में पूर्व कुलपति की शिकायत, बेटे पर गंभीर आरोप
इंदौर कलेक्टर कार्यालय का जनता दरबार इन दिनों सुर्खियों में है। मंगलवार को इस दरबार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के पूर्व कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ आकर गंभीर शिकायत दर्ज कराई। डॉ. धाकड़ ने अपने बेटे अमित धाकड़ पर मारपीट, जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए।
सूत्रों के अनुसार, जनता दरबार में डॉ. धाकड़ ने कलेक्टर शिवम वर्मा को बताया कि पिछले कुछ समय से उनके बेटे के व्यवहार ने उन्हें और उनके परिवार को गंभीर मानसिक और शारीरिक परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित ने उनके साथ-साथ उनकी पत्नी और बेटी के साथ भी हिंसक व्यवहार किया है और कई बार परिवार के निजी दस्तावेजों पर बिना अनुमति हस्ताक्षर कराने की कोशिश की।
जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने डॉ. धाकड़ की शिकायत ध्यानपूर्वक सुनी और मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि संबंधित मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि “किसी भी नागरिक के साथ अगर उत्पीड़न या हिंसा हुई है, तो प्रशासन उसकी गंभीरता से जांच करता है और कानून के तहत कार्रवाई करता है। यह मामला भी उसी तरह से प्राथमिकता के साथ देखा जाएगा।”
डॉ. धाकड़ की यह शिकायत इंदौर में जनता दरबार की भूमिका और महत्व को फिर से उजागर करती है। जनता दरबार का मकसद ही नागरिकों की समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुंचाना और समाधान सुनिश्चित करना है। ऐसे मामलों में जब परिवार के भीतर ही हिंसा और मानसिक प्रताड़ना जैसी समस्याएं सामने आती हैं, तो प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया बेहद जरूरी हो जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि परिवारिक विवादों में अक्सर पीड़ित आवाज उठाने से डरते हैं, लेकिन जनता दरबार जैसे प्लेटफॉर्म से उन्हें उचित सहायता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। डॉ. धाकड़ जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का भी इस मंच का उपयोग करना यह दर्शाता है कि कानून और प्रशासन का भरोसा बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग भी जनता दरबार के प्रति अपनी सकारात्मक सोच व्यक्त कर रहे हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रशासन का यह कदम उन्हें अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। वहीं, परिवारिक मुद्दों पर संवेदनशील और निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाना प्रशासन के लिए भी चुनौतीपूर्ण है।
कलेक्टर कार्यालय ने मामले की जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। वहीं, डॉ. धाकड़ ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द उचित कार्रवाई करेगा और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
इस घटना ने यह साफ कर दिया कि चाहे व्यक्ति समाज में कितनी भी प्रतिष्ठित स्थिति में क्यों न हो, अगर वह अपने घर या परिवार में उत्पीड़न झेल रहा हो, तो उसे न्याय और सुरक्षा का अधिकार है। जनता दरबार जैसे मंच ऐसे मामलों में सीधे प्रशासन और नागरिक के बीच सेतु का काम करते हैं।

