Karnataka उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म पीड़िता का गर्भपात कराने का दिया निर्देश
धारवाड़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति एन.एस. संजय गौड़ा ने मेडिकल बोर्ड से राय मांगी थी। बोर्ड ने कहा कि यह लड़की और बच्चे दोनों के लिए एक उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था का मामला होगा क्योंकि याचिकाकर्ता लड़की की उम्र 16 साल है। बोर्ड ने यह भी कहा कि अगर गर्भधारण की अनुमति दी जाती है तो इससे लड़की के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। पीठ ने राय पर विचार करते हुए गुरुवार को जिला अस्पताल में तत्काल गर्भपात का आदेश दिया। पीठ ने रेखांकित किया कि, लड़की को अपने शरीर की रक्षा करने का अधिकार है। एक महिला को इसके लिए मजबूर करने का कार्य संविधान में गारंटीकृत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
पीठ ने यह भी कहा, गर्भावस्था जारी रखने का परिणाम गंभीर और गरिमापूर्ण जीवन के लिए हानिकारक होगा जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत माना जाता है। नाबालिग लड़की के साथ 8 फरवरी, 2021 को एक पिता-पुत्र ने एक साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। बेलगावी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
--आईएएनएस
बेंगलुरू न्यूज डेस्क !!!
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