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JODHPUR  अब हाईकोर्ट में कल होगी नई जमानत याचिका पर सुनवाई, पूरे केस की थी मास्टर माइंड

GANGANAGAR

राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! राजस्थान हाईकोर्ट में आज उसकी जमानत याचिका तकनीकी कारणों से उलझ गई। याचिका पर अब बुधवार को सुनवाई होगी। खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि,भंवरी प्रकरण में गिरफ्तार सत्रह आरोपियों में से सोलह को जमानत मिल चुकी है। सिर्फ इंदिरा को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। इंदिरा की तरफ से पहले सीधे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई।  सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि, बहुचर्चित भंवरी प्रकरण की मास्टर माइंड इंदिरा विश्नोई को जमानत पर जेल से बाहर आने के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा।इसके साथ लोअर कोर्ट की तरफ से पूर्व में खारिज की गई जमानत याचिका का हवाला दिया गया।

इंदिरा की तरफ से इस तकनीकी खामी को दूर करते हुए लोअर कोर्ट में याचिका पेश की गई। लोअर कोर्ट ने 2 सितम्बर को उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया। आज न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इंदिरा के वकील को पुरानी याचिका को वापस लेने की लिबर्टी प्रदान की।अन्य सभी आरोपियों ने पहले लोअर कोर्ट में याचिका दायर की। वहां से खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई। इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।भंवरी मामले के बाद इंद्रा ने साढ़े पांच साल तक नर्मदा के तट पर गुमनाम जीवनयापन कर फरारी काटी थी। पांच लाख रुपए की इनामी इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी। वह साल 2017 में पकड़ी गई और तभी से जेल में है।

अन्य सभी आरोपियों की जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट ने खारिज की थी। सितम्बर 2011 में भंवरी के अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद इंद्रा भी सुर्खियों में आ गई थी। 3 नवंबर 2011 को सीबीआई ने पहली बार उससे पूछताछ की थी। एक महीने में उससे 6 बार पूछताछ की गई। फिर 3 दिसंबर 2011 को वह फरार हो गई थी। अब उसकी तरफ से जमानत याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। ट्रायल कोर्ट उसकी याचिका को खारिज कर चुका है। इंद्रा के राज उगलने के बाद सीबीआई ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू की तो बचने के लिए इंद्रा फरार हो गई।

इंद्रा के फरार होने के बाद पुलिस ने उसे खोजने की काफी कोशिश की,उसका कोई पता नहीं लग पाया। कोर्ट के माध्यम से उसके सरस्वती नगर स्थित मकान को नीलाम करने का ऑर्डर जारी किया गया। इस मकान को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। कई बार इसे नीलाम करने की प्रक्रिया की गई, लेकिन इंद्रा के डर से कोई खरीदार ही सामने नहीं आया। लंबे समय तक इंद्रा का कोई पता नहीं चल पाया। सीबीआई ने उसकी गिरफ्तारी पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया। यह मकान अभी तक राज्य सरकार के कब्जे में है। इंद्रा की तरफ से इसे छुड़ाने का भी प्रयास नहीं हुआ।

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