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Devghar शहर के कई मोहल्लों में लगातार वैक्सीनेशन कहीं आवेदन के हफ्ताें बाद भी नहीं लगा कैंप

देवगुरु धर्म की शरण में जाएंगे तो देवता भी दौड़े आएंगे
 झारखण्ड न्यूज़ डेस्क  धनबाद शहर में वैक्सीनेशन सेंटर बनाने में नियमाें की लगातार अनदेखी हाेती रही  किरानी अपनी मनमर्जी चलाते रहे और जिम्मेवार खुद को अनजान बताते रहे। 13 सितंबर के अंक में भास्कर ने इस गोरखधंधे का खुलासा किया कि किस प्रकार पैसे लेकर टीकाकरण केंद्र बेचे जा रहे हैं। और स्वास्थ्य विभाग काे भनक तक नहीं लगी।  ब्लॉक ट्रेनिंग ट्रेनर स्तर के कर्मचारी पैसे लेकर उन स्थानों पर केंद्र बेचने की दुकान चलाते वीडियो में कैद हुए, जहां केंद्र बनाने के लिए प्रखंड के स्वास्थ्य पदाधिकारी समेत बीडीओ और प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक की इजाजत अनिवार्य है।

खुलासे के बाद भास्कर टीम ने दो माह में आवंटित किए गए टीकाकरण केंद्रों की जानकारी ली। डीआरसीएचओ से जारी सूची के अनुसार शहर के कुछ स्थानों पर विभाग की ओर से लगातार टीकाकरण केंद्र बनाए गए, वहीं कई इलाके ऐसे हैं, जहां के लोगों के निरंतर आवेदन देने व आग्रह के बावजूद सेंटर आवंटित नहीं किया गया। विभाग के पास जब वैक्सीन का स्टॉक कम था, उस समय सिर्फ सरकारी केंद्रों पर वैक्सिनेशन सेंटर बनाए गए, परंतु वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता होते ही सेंटरों की संख्या बढ़ाई गई, परंतु कुछ इलाकों का अनुरोध दरकिनार होता रहा। अब उन इलाकों के लोग अपने मोहल्लों में कैंप की इजाजत नहीं मिलने का कारण कुछ कर्मियों के भ्रष्ट आचरण से जोड़ रहे हैं।

यहां नियमित कैंप

गुजराती स्कूल बैंक माेड़
कमलाेदय भवन गांधी नगर
मारवाड़ी युवा मंच भवन
सीसीडब्ल्यूओ सरायढेला
भूली बी ब्लॉक विवाह भवन
भूली डी ब्लॉक मध्य विद्यालय
पांडरकनाली पंचायत भवन
दुबराजडीह पंचायत भवन
अलइस्लाह स्कूल वासेपुर
यहां आवेदन के बावजूद कैंप नहीं

कहां के लिए आवेदन कब दिया आवेदन सामुदायिक भवन बरमसिया 10 अगस्त पंचायत भवन काेलकुसमा 14 अगस्त पंचायत भवन नावाडीह 02 सितंबर सामुदायिक भवन भूदा 26 अगस्त मध्य विद्यालय बरमसिया 20 अगस्त शिव मंदिर धैया 26 अगस्त जगधात्री क्लब हीरापुर 14 अगस्त

जिनके हस्ताक्षर से केंद्र आवंटन, उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं?
वैक्सीनेशन के लिए जिले के सभी प्रखंडाें में केंद्र चयन की जिम्मेवारी उस प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी काे है। प्रखंड के बीडीओ, ओप्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक से सलाह कर आवश्यकता वाले स्थलाें पर केंद्र बनाना है, लेकिन सीएचसी धनबाद में बीटीटी द्वारा सेंटर तय किया जा रहा था और केंद्र प्रभारी का कहना कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। इस बात की भी चर्चा पूरे दिन रही कि बगैर प्रभारी के जानकारी कर्मचारी कैसे सेंटर एलाॅट कर सकता है।

काैन हैं वे दाे लाेग, जिन्हें हिस्सा देने की बात कर रहा मुक्ति : पैसा लेकर टीकाकरण केंद्र बनाने काे तैयार ब्लाॅक ट्रेनिंग ट्रेनर (बीटीटी) मुक्ति रंजन दास ने दैनिक भास्कर के रिपाेर्टर से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि और दाे लाेग हैं जिन्हें पैसा देना पड़ता है। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर वे दाे व्यक्ति काैन हैं जिन्हें मुक्ति हिस्सेदारी देने की बात कर रहा था।

2500 रुपए में कैंप बेचने वाले बीटीटी काे शाे-काॅज
भास्कर में समाचार प्रकाशित हाेने के बाद सिविल सर्जन डाॅ श्याम किशाेर कांत ने सीएचसी में कार्यरत बीटीटी मुक्ति रंजन दास काे शाे-काॅज किया है। सीएस ने बताया कि कर्मचारी का पक्ष मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं टीकाकरण केंद्र एलाॅट किए जाने संबंधित नियमाें में फेरबदल होगा। उन्होंने कहा कि लाेगाें काे लुभाने के लिए टीकाकरण कैंप लगवाने की हाेड़ मची हुई है। इसे राेकने के लिए जिला टीकाकरण पदाधिकारी काे निर्देश दिया गया है कि जिला प्रशासन से मंतव्य लेकर समाजसेवी, नेता, संगठनाें काे केंद्र एलाॅट पर राेक लगाई जाए। जांच में दोषी मिलने पर दर्ज कराई जाएगी एफआईआर पैसा लेकर वैक्सीनेशन सेंटर बनाना गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी। दाेषी कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।

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