Dhanbad आपका बच्चा बहुत प्यारा है, थोड़ी गोद में ले लेती हूं... कहकर नवजात को लेकर फरार हुई महिला
घटना पूरी तरह सीसीटीवी में कैद हो गई है। वार्ड में लगे कैमरे में आसानी से देखा जा सकता है कि दो महिलाएं वार्ड में गई थीं। इसमें पीली साड़ी पहनकर महिला नवजात को लेकर जन औषधि केंद्र होते हुए ओपीडी की ओर चली गई। उसके साथ एक और महिला थी। दोनों के चेहरे पर नकाब था। लाल साड़ी पहने एक महिला ओपीडी के बाहर पहले से खड़ी थी। लाल साड़ी पहने महिला के पास करीब सात साल की एक लड़की खड़ी थी। नवजात को गोद में लेकर दोनों अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए। कौन थे ये लोग, कहां से आए थे, किसी को जानकारी नहीं है। अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि महिला पहले से ही नवजात की चोरी की रेकी कर रही थी। नवजात के चोरी होने से पहले दो और प्रसव कराए गए। इसमें एक बेटी और एक बेटा था। लेकिन गुड़िया देवी सबसे आसान निशाना बनीं। क्योंकि गुड़िया देवी के पास केवल उनकी सास राधिका देवी थी। दोनों महिलाएं मरीज की परिचारिका की तरह लग रही थीं। मौका मिलते ही वह नवजात को लेकर भाग गई। बाहर एक महिला को सौंपा गया था। ऐसा लगता है कि चोरी करने वाली महिला ने पहले ही सौदा कर लिया है, सारा मामला योजना के तहत किया गया है।
जब महिला बच्चे को खाना खिलाने के लिए कह रही थी। तब राधिका ने अपने बेटे मनोज यादव को फोन किया, जो भुली में रह रहा था। राधिका ने बताया कि एक महिला बच्चे को गोद में लेकर उसे खिलाने के लिए कह रही है। जबकि मनोज ने इस पर मना कर दिया। लेकिन इसी बीच पीले रंग की साड़ी पहने महिला नवजात के साथ गायब हो गई। गुड़िया देवी की पहले से एक तीन साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा है। यह तीसरा पुत्र था। परिवार ने इस नसबंदी की बात कही थी। लेकिन इसी बीच वह गर्भवती हो गई थी। परिजनों का कहना है कि नौ महीने तक गर्भ में पल रहे बच्चे को इतनी परेशानी हुई। और बच्चे के साथ इस तरह भाग जाना बहुत दुखद है।
घटना के बाद स्थानीय नेता गलती से पीड़िता के घर शक्ति मार्केट पहुंच गए। पूर्व पार्षद अशोक यादव ने दिनेश यादव और अन्य रिश्तेदारों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। दोनों ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
मामले की जांच शुरू कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई प्रवेश द्वारों को बंद कर एक प्रवेश द्वार बनाने का प्रस्ताव दोबारा भेजा जाएगा। फंड की कमी के कारण काम रुका हुआ है। वहीं इस मामले में अस्पताल और स्टाफ की कोई गलती नहीं है।
डॉ. एके वर्णवाल, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच धनबाद।
धनबाद न्यूज़ डेस्क !!!