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Shimla अब होगी संदिग्ध आरोपितों से पूछताछ

Shimla अब होगी संदिग्ध आरोपितों से पूछताछ

हिमाचल प्रदेश न्यूज़ डेस्क !!! 265 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में और तेजी आई है।  सीबीआई अब 16 निजी संस्थानों, बैंकों के संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ करेगी। अभी शिमला शाखा में पांच जगहों से रिकार्डों की छटाई चल रही है। कुछ दिन पहले जांच एजेंसी ने बद्दी, परवाणू, घुमारवीं, ऊना, भरमौर में बड़ी कार्रवाई की थी। सीबीआई ने 7 मई 2019 को शिमला शाखा में मामला दर्ज किया था। शिमला पुलिस ने 16 नवंबर 2018 को छोटा शिमला थाने में मामला दर्ज किया था, अब तक की गई कार्रवाई।

इस घोटाले में अब तक कोर्ट में तीन चार्जशीट दाखिल हो चुकी हैं। पहले चार्जशीट में अरविंद राजता, माला मेहता, श्रीराम शर्मा, सुरेंद्र मोहन कंवर, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के अशोक कुमार, प्रेमपाल गांधी, सरोज शर्मा, किरण चौधरी, बैंक कर्मचारी सुरेंद्र पाल सिंह और कंप्यूटर संस्थान के सुनील कुमार शामिल थे। दूसरा चार्जशीट पंजाब के नवांशहर स्थित केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के खिलाफ था। इसमें हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्कालीन कर्मचारियों, बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों, इस निजी संस्थान के पदाधिकारियों सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस चार्जशीट में तत्कालीन शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राजता मुख्य आरोपी हैं। तीसरी चार्जशीट शिमला स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट यानी NIELET के खिलाफ दाखिल की गई है। इसमें 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। हिमाचल में 8800 छात्रों के नाम पर करोड़ों रुपये हड़पने वाले नाइलेट के नौ फर्जी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सिंगल चार्जशीट बनाई गई। 

सीबीआई की जांच के मुताबिक, 2013 से 2017 तक मेधावी छात्रों के लिए 266 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इनमें से 16 करोड़ रुपये प्री-मैट्रिक और 250 करोड़ रुपये पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति थे। इनमें से केवल 10 करोड़ रुपये सरकारी संस्थानों को आवंटित किए गए थे। 27 बड़े संस्थानों ने फर्जी तरीके से आवंटित राशि का 90 फीसदी से अधिक हड़प लिया है। इस धोखाधड़ी में शिक्षा विभाग के तत्कालीन वरिष्ठ सहायक और बाद में अधीक्षक बने अरविंद रजत के साथ उनकी पत्नी बबीता राजता भी शामिल हैं।

शिमला न्यूज़ डेस्क !!!
 

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