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Chandigarh प्रदूषण फैलाने पर पहली बार ऐसी सजा, चंडीगढ़ में स्टील फर्नीचर फैक्टरी के मालिक को डेढ़ साल कैद

Chandigarh प्रदूषण फैलाने पर पहली बार ऐसी सजा, चंडीगढ़ में स्टील फर्नीचर फैक्टरी के मालिक को डेढ़ साल कैद

हरियाण न्यूज़ डेस्क !!! जल और वायु प्रदूषण फैलाने वाली एक फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ जिला कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने उस फैक्ट्री के मालिक बलदेव राज को डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है। औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 में स्टील फर्नीचर निर्माण इकाई सिटीजन फर्नीचर इंडस्ट्रीज के खिलाफ न्यायिक दंडाधिकारी चेतेश गुप्ता की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। चंडीगढ़ में पहली बार कोर्ट ने किसी औद्योगिक इकाई के खिलाफ ऐसा फैसला दिया है। आरोपी को मौके पर ही जमानत मिल गई और वह इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील कर सकता है। चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 2017 में फैक्ट्री और उसके मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कमेटी ने शिकायत में बताया था कि यह यूनिट बिना अनुमति के 1999 से 2015 तक चलती रही। इस इकाई से उत्पन्न औद्योगिक कचरा पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक था। इसलिए प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इनके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया। हालांकि कंपनी ने अनुमति के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद मालिक ने जुलाई 2017 में फैक्ट्री बंद कर दी। वाटर-एयर एक्ट के तहत जरूरी थी अनुमति, चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति के वकील एडवोकेट कृष्णा सिंगला ने बताया कि सिटीजन फर्नीचर फैक्ट्री स्टील फर्नीचर और स्प्रे पेंटिंग बनाने का काम करती थी, लेकिन इस काम के लिए प्रदूषण नियंत्रण समिति से कोई सहमति या अनुमति नहीं थी। नहीं लिया गया था। जबकि जल अधिनियम 1974 और वायु अधिनियम, 1981 के तहत उन्हें इस कार्य के लिए प्रदूषण नियंत्रण समिति से सहमति लेना आवश्यक था। आरोपी ने कोर्ट में यह भी माना था कि उसकी फैक्ट्री में किए गए काम से काफी प्रदूषण फैलता है, जो पर्यावरण के लिए खतरनाक है। आरोपी ने दी यह दलील, आरोपी ने अदालत में कहा कि उसने 1998 में स्टील फर्नीचर निर्माण इकाई शुरू की थी। उसे प्रदूषण नियंत्रण समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला था। 2015 में स्प्रे पेंटिंग शुरू की। इसके लिए समिति से अनुमति मांगी गई थी। प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कहा कि 1998 में दी गई अनुमति अनापत्ति प्रमाण पत्र थी, जो केवल एक वर्ष के लिए वैध थी।

चंडीगढ़ न्यूज़ डेस्क !!! 

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