हरियाणा में BJP बनी नंबर-1 तो कांग्रेस '0' पर आउट, ऐसे समझें निकाय चुनाव में जीत और हार का खेल

हरियाणा में नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने भारी जीत हासिल की। 10 में से 9 नगर निगमों में भगवा झंडा फहराया गया और मानेसर में एक निर्दलीय महिला उम्मीदवार विजयी हुई। विधानसभा चुनावों के बाद स्थानीय चुनावों में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और पार्टी का सफाया हो गया। आइए जानते हैं कांग्रेस की हार के 5 मुख्य कारण।
हरियाणा नगर निगम और निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को करारी हार दी। इस हार का कारण राज्य में कांग्रेस संगठन का अभाव माना जा रहा है। यहां तक कि हाईकमान भी अभी तक संगठन बनाने में सफल नहीं हो पाया है।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पूरी तरह व्याप्त है। एक ही पार्टी के नेता एक-दूसरे के उम्मीदवारों को हराने में व्यस्त थे। इस निकाय चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
हरियाणा निकाय चुनावों में टिकटों के गलत वितरण के भी आरोप हैं, जिसके कारण कांग्रेसियों में नाराजगी फैल गई और उनकी हार भी हुई।
हरियाणा विधानसभा में पिछले एक साल से विपक्ष के नेता की नियुक्ति में देरी को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। कांग्रेस का राज्य नेतृत्व इसमें उलझा हुआ है।
हरियाणा नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार तो किया, लेकिन प्रचार में वह चतुराई नहीं दिखी जो कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने में दिखानी चाहिए थी।