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अरे क्या! महाकुंभ भगदड़ पर क्या बोल गए मल्लिकार्जुन खड़गे? सभापति धनखड़ ने कह दी इतनी बड़ी बात, जानें पूरा मामला 

संसद में बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ में भगदड़ को लेकर बयान दिया जिससे हंगामा मच गया। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे बयान वापस लेने को कहा। खड़गे ने कहा.....
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संसद में बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ में भगदड़ को लेकर बयान दिया जिससे हंगामा मच गया। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे बयान वापस लेने को कहा। खड़गे ने कहा, 29 जनवरी को महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए हजारों लोगों को मेरी श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कि हाल ही में महाकुंभ में भगदड़ के दौरान हजारों लोग मारे गए।

मैंने यह बात किसी पर आरोप लगाने के लिए नहीं कही- खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि मैं कहता हूं कि वहां (महाकुंभ भगदड़ में) एक हजार लोग मारे गए, अगर आप कहते हैं कि मैं गलत हूं तो कम से कम जो मौतें हुईं उनकी गिनती तो करें कृपया सही संख्या बताएं। उनके इस बयान पर सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने हंगामा किया। उन्होंने कहा, मैंने किसी पर आरोप लगाने के लिए 'हजारों' नहीं कहा। लेकिन कम से कम यह जानकारी तो दीजिए कि कितने लोग मारे गए। अगर मैं ग़लत हूं तो मैं माफ़ी मांगूंगा। उन्हें यह आंकड़े देने चाहिए कि कितने लोग मारे गए, कितने लापता हैं। आपको बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 घंटे बाद बताया कि 30 लोगों की मौत हुई है और 60 लोग घायल हुए हैं।

चेयरमैन धनखड़ ने जताया विरोध, कहा- बयान वापस लें

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे अपना बयान वापस लेने का अनुरोध किया। धनखड़ ने कहा कि विपक्ष के नेता ने हजारों में आंकड़े दिए हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि इस सदन में जो कुछ भी कहा गया है उसका बहुत महत्व है। आपने कुछ ऐसा कहा है जिससे सभी लोग हैरान हो गए हैं। यहां से जो संदेश जाता है, भले ही उसका खंडन किया जाए, वह पूरे विश्व में जाता है। इस पर खड़गे ने कहा कि उन्होंने यह आंकड़ा किसी पर आरोप लगाने के लिए नहीं दिया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मोहन भागवत से माफ़ी की मांग

खड़गे ने कहा, मोहन भागवत ने कहा कि देश को आजादी तब मिली जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। यह देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। यह महात्मा गांधी का अपमान है। हमने देश को आज़ादी दिलाई. मोहन भागवत और प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए। मोहन भागवत को अपने शब्द वापस लेने चाहिए। इस दौरान खड़गे ने भाजपा सांसद नीरज शेखर के पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को लेकर टिप्पणी की और उनकी आलोचना भी की। इससे सदन में हंगामा मच गया। नीरज भी अपनी सीट से उठकर सीट की ओर बढ़ गया। जिसे पीयूष गोयल ने समझ लिया और वापस लौटा दिया। दरअसल, जब खड़गे बोल रहे थे तो शेखर ने उन्हें टोक दिया और खड़गे कह रहे थे कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो उन्होंने 'सबका साथ सबका विकास' का नारा दिया था। इसके बाद इसमें दो शब्द और जोड़ दिए गए: सबका प्रयास और सबका विश्वास।

लोकसभा में विपक्ष का वॉकआउट

लोकसभा में हंगामा कर रहे सांसद वेल में भी पहुंच गए। वे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग कर रहे थे। बिरला ने सांसदों से कहा- जनता ने आपको यहां सवाल पूछने या टेबल तोड़ने के लिए भेजा है, अगर आपको टेबल तोड़ने के लिए भेजा गया है तो उन्हें जोर से मारो। इसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। वे नारे लगा रहे थे- सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे। केन्द्र सरकार होश में आओ। योगी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। सनातन विरोधी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। विपक्षी सांसद सदन से बाहर चले गए और कुछ देर बाद वापस लौट आए।

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