दिल्ली की लड़कियाँ राष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखा रही हैं। हाल ही में आयोजित दिल्ली महिला प्रीमियर लीग (डीपीएल) में, साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स टीम की खिलाड़ी वृंदा शर्मा ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। अंडर-17 वर्ग में उनके प्रदर्शन ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई और "सर्वश्रेष्ठ ओपनर" का पुरस्कार जीता।
वृंदा वर्तमान में दिल्ली की अंडर-23 टीम का हिस्सा हैं और उनके खेल की अब चयनकर्ताओं के बीच चर्चा हो रही है। वहीं, मानसी गर्ग ने अंडर-19 वर्ग में ऑलराउंडर के तौर पर शानदार प्रदर्शन किया। राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलित प्रदर्शन करते हुए टीम को महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँचाया।
दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाली मीनाक्षी खत्री ने अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उनका मानना है कि दिल्ली में महिला खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं और अवसरों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इन युवा खिलाड़ियों की सफलता साबित करती है कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
इस बीच, हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार महिला विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत सिर्फ़ एक ट्रॉफी की कहानी नहीं है, बल्कि हर उस भारतीय लड़की की कहानी है जिसने कभी बल्ला या गेंद उठाने का सपना देखा था। आज दिल्ली की गलियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय मैदानों तक, क्रिकेट में लड़कियों का दबदबा साफ़ दिखाई देता है। अंजुम चोपड़ा, मिताली राज और झूलन गोस्वामी के नक्शेकदम पर चलते हुए, यह नई पीढ़ी भारतीय महिला क्रिकेट में एक नया अध्याय लिख रही है।

