दिल्ली-NCR गैस चैंबर बन चुका, अक्टूबर में राजधानी देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर
दिल्ली-NCR के कई इलाके इन दिनों गैस चैंबर जैसी स्थिति में हैं। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि अक्टूबर 2025 में दिल्ली देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में छठे नंबर पर रहा।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा जारी मासिक वायु गुणवत्ता आंकड़ों के अनुसार, NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि हरियाणा का एक शहर इस लिस्ट में पहले स्थान पर रहा, जहां पीएम 2.5 का स्तर बेहद अधिक दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली और NCR में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कई कारण हैं। इनमें वाहनों की बढ़ती संख्या, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण कार्य, ठोस कचरा जलाना और आसपास के राज्यों से धुआं शामिल हैं। अक्टूबर का महीना मौसम के लिहाज से भी प्रदूषण के लिए संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि ठंडी हवाओं की कमी और स्थिर मौसम के कारण वायु में धूल और धुएं के कण लंबे समय तक बने रहते हैं।
रिपोर्ट ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लगातार उच्च AQI के कारण सांस लेने में तकलीफ, एलर्जी, अस्थमा और हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घरों से बाहर निकलते समय मास्क पहनें, घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल बढ़ाएं और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता बरतें।
दिल्ली-NCR का यह प्रदूषण केवल एक दिन या महीने की समस्या नहीं है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2024 में भी देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित 10 शहरों की लिस्ट में NCR के कई शहर शामिल थे। यह दर्शाता है कि राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या लगातार बनी हुई है और इसे गंभीर रूप से लेने की जरूरत है।
सरकारी अधिकारी और पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर काम कर रहे हैं। वाहन नियमों का पालन, उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण, ठोस कचरा प्रबंधन और हरित क्षेत्रों का संरक्षण इसके महत्वपूर्ण उपाय माने जाते हैं। इसके बावजूद, बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या ने समस्या को और जटिल बना दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले महीनों में दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर और खतरनाक हो सकता है। नागरिकों को मौसम और वायु गुणवत्ता के अपडेट पर लगातार नजर रखनी होगी और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने होंगे।
इस रिपोर्ट ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि दिल्ली-NCR सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक केंद्र नहीं बल्कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन चुका है। सरकार और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों के बिना इस समस्या पर काबू पाना मुश्किल होगा।

