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SC ने एआईएफएफ मामलों के प्रबंधन के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सीओए प्रमुख नियुक्त किया

SC ने एआईएफएफ मामलों के प्रबंधन के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सीओए प्रमुख नियुक्त किया
दिल्ली न्यूज डेस्क् !!! सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के मामलों का प्रबंधन करने के लिए प्रशासकों की समिति (सीओए) का पुनर्गठन किया।शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए. आर. दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति की नियुक्ति की है।राष्ट्रीय खेल संहिता और मानक दिशानिर्देशों के अनुरूप इसके संविधान को अपनाने के लिए इस समिति का पुनर्गठन किया गया है।न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी. एस़ नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति दवे के अलावा सीओए में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस .वाई. कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी होंगे।पीठ ने कहा कि सीओए राष्ट्रीय खेल संहिता और मानक दिशानिर्देशों के अनुसार एआईएफएफ द्वारा संविधान को अपनाने की सुविधा के लिए अदालत की सहायता करेगा। इसने कहा कि नवगठित सीओए सदस्य द्वारका के फुटबॉल हाउस या किसी अन्य सुविधा स्थल पर बैठेंगे।

यह देखते हुए कि वर्तमान स्थिति महासंघ के उचित शासन के हित में नहीं है, शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति एआईएफएफ के दिन-प्रतिदिन के मामलों को देखेगी। अधिवक्ता समर बंसल ने शीर्ष अदालत के समक्ष सीओए का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें पहले कुरैशी और गांगुली शामिल थे। शीर्ष अदालत ने सीओए को एआईएफएफ का कार्यभार संभालने का निर्देश दिया।पीठ ने कहा कि सीओए संविधान के अनुसार एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए मतदाता सूची तैयार करेगा, जिसे कुरैशी और गांगुली की दो सदस्यीय समिति (लोकपाल) द्वारा प्रस्तुत किया गया था।पीठ ने स्पष्ट किया कि सीओए टूर्नामेंट के आयोजन और खिलाड़ियों के चयन और महासंघ के अन्य मामलों के लिए महासंघ की पूर्व समिति की सहायता ले सकता है।

शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि यह चुनावों की सुविधा के लिए और संविधान के अनुसार लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय को फेडरेशन का दिन-प्रतिदिन का शासन सौंपने को लेकर अस्थायी व्यवस्था है।शीर्ष अदालत 12 मई को दिल्ली फुटबॉल क्लब की उस याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हुई थी, जिसमें एक समिति और प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष के रूप में एक दशक से अधिक समय तक अवैध रूप से जारी रखने का आरोप लगाया गया था।इससे पहले, खेल मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि एआईएफएफ अध्यक्ष पटेल के पास खेल निकाय चलाने का कोई जनादेश नहीं है, क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और राष्ट्रीय निकाय को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए। मंत्रालय का जवाब विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के संबंध में सामने आया, जिसमें वकील राहुल मेहरा भारत संघ के साथ प्रतिवादियों में से एक हैं।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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