अब सभी फसल उत्पादक किसानों को मिलेगा कृषक उन्नति योजना का लाभ, प्रति एकड़ मिलेंगे 10 हजार रुपये
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘कृषक उन्नति योजना’ के दायरे को और व्यापक बना दिया है। अब इस योजना का लाभ सिर्फ धान उत्पादकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास जैसी फसलें लेने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। राज्य शासन ने इस संबंध में आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
क्या है योजना के तहत सहायता?
कृषि विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, अब इन सभी फसलों की खेती करने वाले पात्र किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये की 'आदान सहायता राशि' प्रदान की जाएगी। इस राशि का उपयोग किसान बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य कृषि आदानों की खरीद में कर सकेंगे। इससे न केवल किसानों की लागत घटेगी बल्कि उत्पादन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?
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वे किसान जो दलहन (जैसे चना, अरहर, मसूर),
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तिलहन (जैसे सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी),
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मक्का,
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मिलेट्स (कोदो, कुटकी, रागी),
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और कपास की खेती करते हैं।
उन सभी को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, पात्रता की शर्तों में नियमित कृषक पंजीयन, भूमि स्वामित्व, और फसल की प्रमाणित बुआई रिपोर्ट जैसी औपचारिकताएं शामिल होंगी।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
राज्य सरकार ने यह निर्णय ऐसे समय पर लिया है जब देशभर में जलवायु परिवर्तन, लागत बढ़ोतरी और पारंपरिक फसलों की सीमित लाभप्रदता से किसान परेशान हैं। राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि “हमारी कोशिश है कि किसानों को पारंपरिक फसलों से आगे बढ़ने और विविध फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। कृषक उन्नति योजना का दायरा बढ़ाना इसी दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है।”
क्या होगा लाभ?
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खेती के लिए आवश्यक खर्चों में राहत
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विविध फसलों की खेती को बढ़ावा
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किसानों की आमदनी में इज़ाफा
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पारंपरिक फसलों पर निर्भरता में कमी
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स्थानीय खाद्य सुरक्षा और पोषण में सुधार
आवेदन प्रक्रिया और समयसीमा
कृषि विभाग जल्द ही ऑनलाइन आवेदन पोर्टल और स्थानीय कृषि केंद्रों के माध्यम से योजना के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके लिए किसानों को भूमि संबंधी दस्तावेज, फसल विवरण और बैंक खाता विवरण देना होगा।

