Breaking : छत्तीसगढ़ में बड़ा रेल हादसा! बिलासपुर में मालगाड़ी से भिड़ी मेमू ट्रेन, तीन की मौत कई घायल, राहत-बचाव कार्य जारी
बिलासपुर रेल मंडल के लालखदान क्षेत्र में मंगलवार दोपहर करीब 4 बजे एक दिल दहला देने वाला रेल हादसा हुआ। हावड़ा रूट पर चल रही एक यात्री मेमू ट्रेन का एक डिब्बा अचानक एक मालगाड़ी से टकरा गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस हादसे में कम से कम तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
यह हादसा बिलासपुर स्टेशन से कुछ ही किलोमीटर दूर लालखदान के पास हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मेमू ट्रेन हावड़ा की ओर जा रही थी, तभी विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी से उसकी टक्कर हो गई। इस टक्कर में मेमू ट्रेन का अगला डिब्बा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मालगाड़ी के इंजन को भी भारी नुकसान पहुँचा। पटरी से उतरे डिब्बों ने आसपास के इलाके को रणक्षेत्र में बदल दिया। यात्रियों की चीख-पुकार और धुएँ का घना गुबार पूरे इलाके में फैल गया। कई यात्री डिब्बों में फंस गए, जिन्हें स्थानीय निवासियों और रेलकर्मियों ने बचाया।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन ने तुरंत आपातकालीन टीमें रवाना कर दीं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। बिलासपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं, जहाँ डॉक्टरों की टीमें लगातार घायलों की देखभाल कर रही हैं। रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि पीड़ित परिवार अपने यात्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय बचाव दल मौके पर पहुँचकर राहत कार्य में लगे हुए हैं। पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत के लिए क्रेन और मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हादसे के कारण हावड़ा रूट पर रेल परिचालन पूरी तरह ठप हो गया है। कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि कुछ को वैकल्पिक मार्गों पर चलाया जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और अपडेट के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट या ऐप देखने की अपील की है। प्रारंभिक जाँच से संकेत मिल रहा है कि दुर्घटना का कारण सिग्नल की खराबी या मानवीय भूल है, लेकिन विस्तृत जाँच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। रेल मंत्री ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की।
यह दुर्घटना एक बार फिर रेल सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है। हालाँकि हाल के वर्षों में ऐसी दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन तकनीकी खामियाँ और व्यस्त मार्गों पर दबाव अभी भी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। रेलवे को सिग्नलिंग प्रणाली को और मज़बूत करने, ट्रेनों की गति नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने और कर्मचारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की उम्मीद है, और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए दुर्घटना की गहन जाँच की जानी चाहिए। फ़िलहाल, राहत कार्य जारी है और स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।

