तालाबों की खुदाई के बाद उसका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। तालाब के चारों ओर पौधरोपण भी किया जाएगा।अधिकारी बताते है कि सरकारी जमीन अथवा जहां पहले से तालाब हैं, वहीं पर इनका निर्माण करना है। इस योजना में निजी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होगा। बताया जा रहा है कि जो तालाब सूख गए होंगे, उनकी भी पहचान कर उसे तालाब बनाया जाएगा। ये तालाब एक एकड़ तक के होंगे। मनरेगा के तहत इन तालाबों का निर्माण कराया जाएगा। इससे मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम भी अधिक मिलेगा। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि मुख्यालय से इसकी प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से लेने का निर्देश उन्होंने पदाधिकारियों को दिया है। आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में एक लाख से अधिक तालाब हैं। राज्य सरकार ने भी जल जीवन हरियाली के तहत तालाबों की पहचान कर उसके जीर्णोद्धार की योजना बनाई है। राज्य में कई तालाब अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं।
--आईएएनएस
पटना न्यूज डेस्क !!!
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