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PATNA UG कोर्सेज में एडमिशन में बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए मांगा 50% आरक्षण

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बिहार न्यूज़ डेस्क !!! विश्वविद्यालय में खाली पड़े शिक्षकों के पदों का मामला भी गरमाया है। स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय गेट पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। छात्रों का कहना है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांग मान नहीं ली जाएगी। छात्रों ने नामांकन व्यवस्था बाधित करने के साथ यूनिवर्सिटी में तालाबंदी की चेतावनी दी है। खबरों से प्राप्त जानकर के अनुसार बताया जा रहा है कि,आइसा का कहना है कि विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्सेज़ मे हो रहे 12 वी के अंक के आधार पर नामांकन में बिहार बोर्ड के अभियर्थियों को 50℅ आरक्षण देनें साहित अन्य मुद्दों पर छात्र संगठन आइसा ने भूख हड़ताल शुरू किया है। राज्य अध्यक्ष मोख्तार ने आइसा नेताओं को आंदोलन में समर्थन किया है।

आइसा नेता नीरज यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार बिहार बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ अन्याय कर रहा है। CBSE ICSE के विद्यार्थियों के मार्किंग पैटर्न और बिहार बोर्ड का मार्किंग पैटर्न भिन्न होते हैं।सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि,सरकार बिहार बोर्ड के अभ्यर्थियों के उच्च शिक्षा से वंचित कर रही है। छात्रों ने कहा कि शिक्षकों की भारी कमी की वजह से पटना विश्वविद्यालय में दो साल से पीएचडी में नामांकन लंबित है। नए सत्र में स्नातक कोर्सेज में अंक के आधार पवर चल रहे नामांकन में बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को 50% आरक्षण की मांग चल रही है।

इतिहास विभाग में प्रोफेसर हीं नहीं हैं। बिहार में लॉ में एडमिशन को बंद कर दिया गया है। छात्रों का कहना है कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन मांग नहीं मानता है तो विश्वविद्यालय में नामांकन बाधित करेंगे और विश्वविद्यालय में तालाबंद कर देंगे। छात्र नेता राकेश ने कहा कि P.hD के 2019 सत्र के अभ्यर्थियों को कोर्स वर्क में तकनीकी कारणों से फेल कर दिया गया है। अगर विश्वविद्यालय री एग्जाम कर के पास नहीं करेगा तब तक आंदोलन किया जाएगा। भूख हड़ताल पर

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