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DARBHANGA  में 24 घंटे में 140 बच्चे हुए बीमार

DARBHANGA  में 24 घंटे में 140 बच्चे हुए बीमार

बिहार न्यूज़ डेस्क!!!मीडिया रिपेार्ट के अनुसार  बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, शक्कर, चीनी आदि खिलाएं। चमकी बुखार अधिकांशतः रात में 2 से 4 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है, इस समय सचेत रहने की जरूरत है।बदलते मौसम में वायरल बुखार का प्रकोप चरम पर है। बिहार के कई जिलों में इसका कहर है। बच्चों में इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा हुआ है। गोपालगंज के थावे प्रखंड के बगहा निजामत गांव में 10 दिन में तीन बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव जाकर 80 बच्चों का सैंपल जांच के लिए लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पर कैंप किए हुए है।जानकारी के अनुसार बगहा निजामत गांव के अली हुसैन नट की 6 वर्षीय पुत्री की मौत 1 सितंबर, देवलाल राम की 7 वर्षीय पुत्री मुन्नी कुमारी की मौत 6 सितंबर को हुई।

खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि, धन्नू राम का साढ़े पांच वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार की मौत हो गई। उधर, बेतिया के जीएमसीएच में निमाेनिया, चमकी बुखार, डायरिया और सामान्य बुखार से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं।6 बेड का एनआईसीयू वार्ड फुल हो गया है। सबको वार्मर पर रखा गया है। वहीं, 18 बेड वाला पीडियाट्रिक वार्ड फुल है। इसमें निमुनिया, डायरिया व चमकी बुखार से पीडित 28 बच्चे भर्ती हैं। पहले से वार्ड में 26 बच्चे भर्ती थे। शुक्रवार को दो और नए मरीज भर्ती हुए हैं।जिले में वायरल बुखार से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है।


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि,निजी अस्पतालों में इलाजरत वायरल बुखार से ग्रसित बच्चों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। इसके लिए सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार की अध्यक्षता में निजी चिकित्सकों की बैठक हुई। इसमें सिविल सर्जन ने कहा कि वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का सर्विलांस व निगरानी जरूरी है।डीएमसीएच में भर्ती कराने के चंद घंटों के बाद दो बच्चों की मौत हो गई। मृतकों में तारामोहनपुर की 17 माह की वैष्णवी कुमारी और बहेड़ा के पोहद्दी के सुनील सहनी का 5 दिनों का बेटा था। शिशुरोग विभाग के एचओडी डाॅ. केएन मिश्रा ने बताया कि वैष्णवी की मौत सेप्टीसिमिया व नवजात की मौत कुपाेषण से हुई।दोनों को गुरुवार को भर्ती किया गया था। वहीं शुक्रवार को वायरल बुखार से पीड़ित 140 बच्चों का इलाज किया गया।

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि,11 को भर्ती करना पड़ा। नवादा के सदर अस्पताल के ओपीडी में अगस्त में जहां एक दिन में 400-500 मरीज आ रहे थे वहीं अब 650- 700 मरीज आ रहे हैं। वायरल फीवर को देखते हुए यहां 10 बेड रिजर्व किए गए हैं।बेतिया जीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ कुमार ने बताया कि अगस्त, सितंबर में बच्चों को वायरल बुखार, सर्दी, खांसी होती है। अभिभावकों को सतर्क एवं सजग रहने की आवश्यकता है। जब बच्चे सो रहे हों, तो उनके कपड़े हटाकर देखें कि उसको पंजरा तो नहीं मार रहा है, सांस तेज तो नहीं है।

बताया जा रहा है कि,सब हो रहा है तो बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाएं। संक्रमित बच्चे को अन्य बच्चों से अलग रखें तथा मां का दूध अनिवार्य रूप से पिलाएं, पौष्टिक आहार दें। उन्होंने बताया कि अभिभावक बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं सोने दें। अगर कोई बच्चा शाम में खाना खाया है और सो गया है, तो उसे भी रात में जगाकर खिलाएं।

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