जानिए असम ‘Rat Hole’ रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रहीं क्या-क्या बाधाएं? अभी भी 8 मजदूर फंसे
असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में 'रैट होल' खदान में फंसे 9 मजदूरों में से एक का शव बरामद कर लिया गया है। वहीं 8 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। बचाव कार्य में कई टीमें लगी हुई हैं। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की टीमें भी फंसे मजदूरों को बचाने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। बचाव अभियान में शामिल टीमों को कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
VIDEO | Rescue operation underway to bring out workers who are trapped in illegal 'rat hole' mine in Umrangso, Assam.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 9, 2025
"A body was recovered yesterday in a diving operation but after that, there has been no success. The diving operation is underway," says NDRF commandant HPS… pic.twitter.com/HMAI5Rbl9T
खदान के अंदर भरे पानी में कोयला पाया गया है। नौसेना की टीम को अंदर स्पष्ट दृश्यता नहीं दिख रही है। इसके कारण गोताखोरों को सही अंदाजा नहीं लग पा रहा है कि अंदर क्या स्थिति है? बुधवार को निकाले गए शव को निकालने के लिए गोताखोरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
एक अधिकारी के अनुसार पानी इतना गंदा हो गया है कि अंदर रिमोट से चलने वाले उपकरण भी काम नहीं कर रहे हैं। खदान करीब 310 फीट गहरी है, जिसमें भरे पानी को निकालने के लिए कई पंप लगाए गए हैं। बुधवार को वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की एक विशेषज्ञ टीम, जो इस तरह के ऑपरेशन में काम करने में विशेषज्ञ मानी जाती है, भी मौके पर पहुंच गई है।
टीम ने पानी निकालने के लिए एक बड़ा सबमर्सिबल पंप लगाया है। वेस्टर्न कोलफील्ड्स टीम के अनुसार, उनके 5 लोग 8 जनवरी को विशेष सी-130 हरक्यूलिस विमान के जरिए यहां पहुंचे। टीम ने खदान के अंदर जो पंप लगाया है, वह 150 फीट की गहराई पर प्रति मिनट 500 गैलन पानी पंप कर सकता है।
खदान में लगभग 100 फीट पानी
फिलहाल खदान से 100 फीट पानी निकाला जाना बाकी है। मजदूरों ने खदान के किनारे चार छोटी सुरंगें बनायी थीं। एक कर्मचारी के अनुसार, कुछ सुरंगें केवल तीन फुट चौड़ी हैं। यहां खड़ा रहना आसान नहीं है. बैठते समय सिर के ऊपर केवल 4-5 इंच जगह रह जाती है। विशेष पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह के अनुसार सुरंगों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन पानी फिर से जमीन से रिस रहा है और सुरंगों में भर रहा है। इसके कारण बचाव कार्यों में लगातार देरी हो रही है।