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राजद और कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम एक जैसा : सम्राट चौधरी

पटना, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच, भाजपा के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद राजद और कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के चैनलों का 'पोस्टर ब्वॉय' बन गए हैं।
राजद और कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम एक जैसा : सम्राट चौधरी

पटना, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच, भाजपा के नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राजद और कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद राजद और कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के चैनलों का 'पोस्टर ब्वॉय' बन गए हैं।

उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सोमवार को नेटवर्किंग साइट 'एक्स' पर लिखा, "पहलगाम में आतंकी हमले के बाद राजद और कांग्रेस के नेता पाकिस्तान के चैनलों का 'पोस्टर ब्वॉय' बन गए हैं। पाकिस्तानियों से अधिक राजद और कांग्रेस में नूरा कुश्ती चल रही है, कौन पाकिस्तान प्रेम में अधिक पागल है?"

उन्होंने आगे लिखा, "बिहार में राजद के नेता 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगा रहे हैं, वहीं कर्नाटक के कांग्रेसी सीएम 'आतंक के आकाओं' पर हमले न करने की पैरोकारी कर रहे हैं। ये अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक स्थिति है।"

उप मुख्यमंत्री ने दोनों दलों को चेतावनी भी दी है कि देश इस मानसिकता को बखूबी समझ भी रहा है। जनता भी इसका माकूल जवाब देगी। दरअसल, लखीसराय के सूर्यगढ़ा में पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के विरोध में महागठबंधन द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया था। आरोप है कि इस मार्च में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर लिया है।

इधर, पहलगाम हमले के संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि युद्ध की कोई आवश्यकता नहीं है। युद्ध से कोई समाधान नहीं निकल सकता। पहलगाम में पर्यटकों को सुरक्षा मुहैया कराना केंद्र सरकार का दायित्व था। इस घटना को रोकने में खुफिया एजेंसियां विफल रहीं। जब उनके इस बयान को पाकिस्तानी मीडिया में तूल दिया जाने लगा तब उन्होंने सफाई दी और कहा कि उन्होंने युद्ध के लिए पूरी तरह से मना नहीं किया है, बल्कि उनका मतलब यह था कि युद्ध तभी होना चाहिए जब यह अनिवार्य हो, क्योंकि यह समाधान नहीं है।

--आईएएनएस

एमएनपी/एएस

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