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रांची में पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, महिला पर एफआईआर, एसपीजी ने मांगी रिपोर्ट

रांची, 16 नवंबर (आईएएनएस)। रांची में पीएम की सुरक्षा में चूक के मामले में जहां तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं इस मामले में एसपीजी ने रांची पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।
रांची में पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, महिला पर एफआईआर, एसपीजी ने मांगी रिपोर्ट

रांची, 16 नवंबर (आईएएनएस)। रांची में पीएम की सुरक्षा में चूक के मामले में जहां तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं इस मामले में एसपीजी ने रांची पुलिस से रिपोर्ट तलब की है।

दरअसल, बुधवार को पीएम मोदी का काफिला जब झारखंड के राजभवन से निकलकर बिरसा मेमोरियल म्यूजियम जा रहा था, तब रेडियम रोड पर एक महिला दौड़कर पीएम की लैंडक्रूजर कार के ठीक आगे आ गई थी। इमरजेंसी ब्रेक लगाकर पीएम की कार रोकनी पड़ी थी। अब इस मामले में महिला संगीता झा के खिलाफ पुलिस इंस्पेक्टर विनोद कुमार पासवान के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है।

इस घटनाक्रम को पीएम की सुरक्षा में गंभीर चूक माना गया है। एफआईआर में कहा गया है कि संगीता झा द्वारा किया गया कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में है। रांची के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर (कांड संख्या-385/23) में महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 283, 353,186 लगाई गई है। इस केस की जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर रैंक की अधिकारी लक्ष्मी टुडू को दिया गया है।

महिला ने पूछताछ में बताया था कि वह अपने पति से परेशान है। इसकी शिकायत वह पीएम से करना चाहती थी। यह भी बताया गया है कि इस शिकायत को लेकर वह दिल्ली जाकर भी पीएम से मिलने की कोशिश कर चुकी है। महिला का पति पुलिस विभाग में है। इस मामले में लापरवाही के आरोप में मौके पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर बाउरी ने पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए राज्य की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

मरांडी ने एक्स पर लिखा, "भारत के प्रधानमंत्री की गाड़ी के ठीक सामने किसी व्यक्ति का अचानक आ जाना सुरक्षा की भारी चूक है। हमारा देश पहले भी कई बड़े हादसे देख चुका है। ऐसे भी यह चूक नजरअंदाज करने योग्य बिल्कुल नहीं है। हेमंत जी, इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की जाए, क्योंकि जो राज्य अपने प्रधानमंत्री को ढंग से सुरक्षा नहीं दे सकता, वो आम आदमी को क्या सुरक्षा देगा?"

--आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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