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पहलगाम आतंकी हमले में फंसे स्वरूप जेना ने सुनाई आपबीती

भुवनेश्वर, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पुरी के स्वरूप जेना भी वहीं मौजूद थे। अफरातफरी का माहौल देख कर घबरा गए थे और ऐसे समय में ही भाजपा सांसद संबित पात्रा से संपर्क साधा। जेना के मुताबिक उस विषम परिस्थिति से निकालने में पात्रा ने अहम भूमिका निभाई।
पहलगाम आतंकी हमले में फंसे स्वरूप जेना ने सुनाई आपबीती

भुवनेश्वर, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पुरी के स्वरूप जेना भी वहीं मौजूद थे। अफरातफरी का माहौल देख कर घबरा गए थे और ऐसे समय में ही भाजपा सांसद संबित पात्रा से संपर्क साधा। जेना के मुताबिक उस विषम परिस्थिति से निकालने में पात्रा ने अहम भूमिका निभाई।

स्वरूप जेना ने गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से आपबीती सुनाई। बोले, " हम लोग 18 अप्रैल को कश्मीर पहुंचे थे। 19 तारीख को वहां बाढ़ जैसी स्थिति हो गई थी, लेकिन फिर भी हम घूमने निकले। हमारा वापसी का टिकट 22 तारीख का था, लेकिन 21 तारीख को हमें पता चला कि लैंडस्लाइड के कारण हम लौट नहीं पाएंगे। उसी दौरान हमें पंचायत राज दिवस के कुछ कार्यों को लेकर पुरी लौटना था।"

उन्होंने आगे कहा, " स्थिति संवेदनशील थी और ऐसे समय में ही हमने संबित पात्रा जी से संपर्क किया, क्योंकि हम उन्हीं के संसदीय क्षेत्र से हैं। इसके बाद संबित जी ने हमें रुकने की सलाह दी। हम होटल में रुक गए, लेकिन उसी दिन थोड़ी सैर पर निकले थे। करीब 500-600 मीटर दूर ही पहुंचे थे कि एक धमाके जैसी आवाज़ सुनी। पहले तो कुछ समझ नहीं आया, फिर सेना के जवानों की हलचल देख पता चला कि हमला हुआ है। उस वक्त हम सब बुरी तरह घबरा गए थे, मेरे साथ मेरा छोटा बच्चा और पूरा परिवार था।"

स्वरूप जेना ने कहा कि इस घटना के बाद हमने तुरंत संबित पात्रा से संपर्क किया। पात्रा ने न केवल जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सरकार से संपर्क साधा और तुरंत वाहन और सुरक्षा की व्यवस्था की। मेरे पूरे परिवार को जम्मू लाया गया और वहीं से रेलवे के सहयोग से दिल्ली के लिए टिकट और खाने-पीने की व्यवस्था की गई। बुधवार रात हम दिल्ली पहुंचे, जहां संबित सर के घर पर हमारा स्वागत किया गया। फिर हम ओडिशा निवास में रुके और आज सुबह सकुशल अपने राज्य लौट आए।

उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि हम भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ संबित पात्रा जी का दिल से धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने इस संकट के समय हमें एक परिवार की तरह संभाला।

--आईएएनएस

पीएसके/केआर

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