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पटना के दीघा घाट का नाम निषाद राज घाट होगा, मंत्री हरि साहनी बोले- कार्यक्रम में शामिल होंगे हजारों नाविक

पटना, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार सरकार के मंत्री हरि साहनी ने पटना में होने वाले निषाद समाज के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटना के दीघा घाट में निषादराज जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में नाविक शामिल होंगे।
पटना के दीघा घाट का नाम निषाद राज घाट होगा, मंत्री हरि साहनी बोले- कार्यक्रम में शामिल होंगे हजारों नाविक

पटना, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार सरकार के मंत्री हरि साहनी ने पटना में होने वाले निषाद समाज के कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटना के दीघा घाट में निषादराज जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में नाविक शामिल होंगे।

दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री हरि साहनी सोमवार को पटना के दीघा घाट पहुंचे, जहां उन्होंने निषादराज जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।

बिहार सरकार के मंत्री हरि साहनी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "निषादराज की जयंती के अवसर पर पटना के दीघा घाट पर हजारों की संख्या में देशभर से नाविक जुटेंगे और वे अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान उनके बीच प्रतिस्पर्धा भी होगी, जिसमें पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले नाविकों को सम्मानित किया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूं कि कार्यक्रम के दौरान नाविकों को सौगात भी दी जाएगी, जिसके तहत उनका बीमा कराया जाएगा। इस कार्यक्रम में हजारों नाविकों के शामिल होने की उम्मीद है। साथ ही पटना के दीघा घाट का नाम निषाद राज घाट रखा जाएगा।"

मंत्री हरि साहनी ने कहा कि बिहार में इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है। हमारी कोशिश होगी कि इस आयोजन को सफल बनाया जाए, जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

निषादराज की जयंती को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शोभायात्रा निकाली जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

रामायण के मुताबिक, निषादराज ऋंगवेरपुर के राजा थे। वनवास जाने के दौरान भगवान राम ने पहली रात तमसा (टोंस) नदी के तट पर और दूसरी रात निषादराज के क्षेत्र में बिताई थी। वनवास के दौरान उन्होंने ही भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण को गंगा पार करवाई थी।

--आईएएनएस

एफएम/सीबीटी

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