झारखंड हाईकोर्ट ने ईडी के अफसरों को फंसाने की साजिश और गवाहों को धमकाने के मामले में मांगी रिपोर्ट

रांची, 7 नवंबर (आईएएनएस)। रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद मनी लाउंड्रिंग के आरोपियों द्वारा ईडी के अफसरों को फंसाने की साजिश और गवाहों को धमकाने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने ईडी से रिपोर्ट मांगी है।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की बेंच ने एजेंसी को इस पूरे मामले पर सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सनद रहे कि ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में बीते दिन दिए गए आवेदन में कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद कुछ अभियुक्त ईडी के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं।
ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग के अभियुक्त उनके अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों और अपराधियों के भी संपर्क में हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी। कोर्ट में दिए गए इसी आवेदन के आलोक में ईडी को बीते 3 नवंबर को जेल में छापेमारी की इजाजत दी गई थी। इस दौरान एजेंसी ने जेल के कुछ सीसीटीवी फुटेज और जेल के हेड क्लर्क दानिश का मोबाइल फोन जब्त किया था।
जांच में जानकारी मिली कि दानिश अपने मोबाइल से मनी लॉन्ड्रिंग के गवाहों को धमकी दे रहा था। उसके मोबाइल में कई गवाहों के नंबर और बातचीत का रिकॉर्डिंग मिली है। छापेमारी के बाद ईडी ने जेल के सुपरिंटेंडेंट हामिद अख्तर, जेलर नसीम खान और हेड क्लर्क दानिश को पूछताछ के लिए समन भेजा।
इन सभी पर जेल में बंद माइनिंग स्कैम, लैंड स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को मदद पहुंचाने के साथ-साथ ईडी के अफसरों को नुकसान पहुंचाने की तथाकथित साजिश में शामिल होने का आरोप है। 7 नवंबर को जेल के हेड क्लर्क से ईडी ने पूछताछ की। जबकि, 8 नवंबर को जेलर और 9 नवंबर को जेल सुपरिंटेंडेंट से पूछताछ होगी।
--आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम