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अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन, मंदिर म्यूजियम और अयोध्या अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान को मिली मंजूरी

लखनऊ, 9 नवंबर (आईएएनएस)। दीपोत्सव से पहले भगवान राम की नगरी अयोध्या गुरुवार को एक और ऐतिहासिक पल की गवाह बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहली बार अयोध्या में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।
अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन, मंदिर म्यूजियम और अयोध्या अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान को मिली मंजूरी

लखनऊ, 9 नवंबर (आईएएनएस)। दीपोत्सव से पहले भगवान राम की नगरी अयोध्या गुरुवार को एक और ऐतिहासिक पल की गवाह बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पहली बार अयोध्या में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी।

सबसे खास बात रही कि स्वयं सीएम योगी ने कैबिनेट से पास प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी। कैबिनेट में पास प्रस्तावों के केंद्र में अयोध्या ही रही, जहां अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के साथ 25 एकड़ भूमि में मंदिर म्यूजियम बनाने, अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान का दर्जा देने और विभिन्न मेलों को राजकीय मेलों का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्तावों पर मुहर लगी।

इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या के समग्र विकास के लिए पहले से ही केंद्र और राज्य के सहयोग से 178 परियोजनाएं चल रही हैं, जिसके अंतर्गत 30 हजार 500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। अयोध्या एक नए युग की ओर जा रही है। पूरी दुनिया आज अयोध्या की तरफ आकर्षित हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए मंत्रिपरिषद ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।

सीएम योगी ने पास हुए प्रस्तावों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सबसे पहला प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में पहली बार अंतर्देशीय राजमार्ग प्राधिकरण के गठन का था, जिसे मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यह एक लैंड लॉक प्रदेश है। दुनिया के उन देशों ने प्रगति की जिनके पास जलमार्ग हैं। देश के अंदर भी वो राज्य आगे बढ़ रहे थे, जिनके पास जलमार्ग था, जो एक्सपोर्ट की सुविधा प्रदान करते थे। हम सब आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी के जिन्होंने देश का पहला इनलैंड वाटरवे वाराणसी से हल्दिया के बीच शुरू किया।

इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी उत्तर प्रदेश में जल यातायात को बढ़ावा देने में मदद करेगी। अयोध्या इस दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कहते हैं कि 2000 वर्ष पहले अयोध्या की राजकुमारी जलमार्ग से साउथ कोरिया गई थीं और वहां के राजकुमार से विवाहबंधन में बंधकर वहां के महत्वपूर्ण राजवंश का हिस्सा बनी थीं। यूपी में 12 के लगभग नदियां ऐसी हैं जो जल यातायात के लिए बहुत मायने रखती हैं।

सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में भव्य मंदिर बनने के बाद श्रद्धालु और भक्तों की जो बड़ी संख्या यहां आने वाली है उसको ध्यान में रखते हुए यहां पर श्री अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। मां पाटेश्वरी धाम देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद के गठन की प्रक्रिया के प्रस्ताव को भी पास किया है। शुक्रतीर्थ विकास परिषद के प्रस्ताव को भी पारित किया गया है।

सीएम योगी ने बताया कि अयोध्या के माझा जमथरा में 25 एकड़ भूमि को मंदिर म्यूजियम के लिए देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अयोध्या शोध संस्थान को विस्तार देते हुए अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया है।हाथरस में दाउजी महाराज की स्मृति में होने वाले ब्रज की द्वार देहरी लक्खी मेले को राजकीय मेले का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट ने ड्रोन पॉलिसी को भी मंजूरी दी है। नियमावली के तहत ड्रोन की गतिविधियों को थाना स्तर से भी निगरानी की जा सकेगी कि वहां कितने ड्रोन मौजूद हैं, किस तरह के उपयोग के लिए हैं। राज्य के अंदर भी भी रेड, ग्रीन और येलो जोन निर्धारित करने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी।

सीएम योगी ने बताया कि शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से प्रारंभ होगा। यह लगभग एक सप्ताह का हो सकता है।

--आईएएनएस

विकेटी/एबीएम

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