Samachar Nama
×

लौट रही प्रो रेसलिंग लीग, पहलवानों की उम्मीदों को लगेंगे पंख

नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। कुश्ती भारत का एक पारंपरिक खेल है। इसका वर्णन हमारे पुराणों में भी मिलता है। समय के साथ यह पारंपरिक खेल अब वैश्विक बन चुका है। भारतीय पहलवानों का दबदबा पूरी दुनिया में है। कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में पहलवानों के जीते पदक इस बात की गवाही देते हैं।
लौट रही प्रो रेसलिंग लीग, पहलवानों की उम्मीदों को लगेंगे पंख

नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। कुश्ती भारत का एक पारंपरिक खेल है। इसका वर्णन हमारे पुराणों में भी मिलता है। समय के साथ यह पारंपरिक खेल अब वैश्विक बन चुका है। भारतीय पहलवानों का दबदबा पूरी दुनिया में है। कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में पहलवानों के जीते पदक इस बात की गवाही देते हैं।

कुश्ती करने वाले पहलवान अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के होते हैं, और जब उनकी राष्ट्रव्यापी पहचान नहीं बनती, उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने और पहलवानों को अपनी क्षमता के प्रदर्शन का मौका देकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए भारतीय कुश्ती संघ ने प्रो रेसलिंग लीग की शुरुआत की थी।

प्रो रेसलिंग लीग की शुरुआत 2015 में प्रोस्पोर्टिफाई और भारतीय कुश्ती संघ द्वारा शुरु की गई थी। इस पहल ने देश में कुश्ती के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का काम किया था। प्रो रेसलिंग लीग भारतीय पहलवानों को वैश्विक एक्सपोजर देती है। लीग में ओलंपिक चैंपियन व्लादिमीर खिंचेंगाशविली (जॉर्जिया), हेलेन मारौलिस (अमेरिका), और सोस्लान रमनोव (रूस) खेल चुके हैं। इन दिग्गजों की मौजूदगी ने युवा भारतीय पहलवानों को बड़े स्तर पर यादगार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया था। बजरंग पुनिया अपने ओलंपिक पदक (कांस्य, टोक्यो ओलंपिक) का श्रेय लीग को देते हैं।

लीग में फ्रीस्टाइल (पुरुष) और फ्रीस्टाइल वुमेंस (महिला) श्रेणियां शामिल हैं, जो यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों का पालन करती हैं।

2015 में खेले गए पहले सीजन में महाराष्ट्र स्टॉम्पर्स, दिल्ली डायनामोज, मुंबई महारथी, पंजाब रॉयल्स, हरियाणा हैमर्स और यूपी योद्धा के रूप में छह फ्रेंचाइजी ने भाग लिया था। 2019 में लीग का आखिरी सीजन खेला गया था। प्रोस्पोर्टिफाई और भारतीय कुश्ती संघ के बीच वित्तीय मामलों को लेकर हुए विवाद की वजह से और फिर कोविड की वजह से लीग का संचालन 2019 के बाद से नहीं हो सका है। लेकिन, भारतीय कुश्ती संघ ने लीग को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। अगला सीजन जनवरी 2026 में खेला जा सकता है।

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह का मानना है कि लीग की शुरुआत भारतीय पहलवानों का उत्साह बढ़ाएगी और उन्हें ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर देश के लिए पदक जीतने के लिए तैयार करेगी।

पहले सीजन में इनामी राशि 15 करोड़ रखी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया गया था।

--आईएएनएस

पीएके/

Share this story

Tags