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"लोग क्या कहते हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता" – लीड्स में 5 विकेट लेकर बुमराह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब

"लोग क्या कहते हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता" – लीड्स में 5 विकेट लेकर बुमराह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब
"लोग क्या कहते हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता" – लीड्स में 5 विकेट लेकर बुमराह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब

क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह क्यों मौजूदा युग के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक हैं। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में बुमराह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट अपने नाम किए। यह उनके टेस्ट करियर का 14वां "फाइव विकेट हॉल" रहा, और शायद सबसे खास भी – क्योंकि इस प्रदर्शन के जरिए उन्होंने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है।

पिछले कुछ सालों में बुमराह को कई बार चोटों से जूझते हुए देखा गया है। वे एशिया कप, कुछ अहम द्विपक्षीय सीरीज और यहां तक कि विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं से भी बाहर रहे। इस दौरान सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट पंडितों तक, उनकी फिटनेस और निरंतरता को लेकर कई सवाल उठे। कई आलोचकों ने यहां तक कह दिया कि बुमराह अब लंबे समय तक भारत के लिए नहीं खेल पाएंगे।

लेकिन बुमराह हर बार अपनी गेंदबाज़ी से जवाब देते आए हैं—और इस बार भी कुछ अलग नहीं था।

"लोग क्या कहते हैं, मुझे फर्क नहीं पड़ता" – लीड्स में 5 विकेट लेकर बुमराह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब

लीड्स टेस्ट में पहली पारी में 24.5 ओवरों में 83 रन देकर 5 विकेट लेने के बाद बुमराह ने बेहद शांत लेकिन तीखे शब्दों में कहा:
"लोग क्या कहते हैं, मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं अपने खेल पर ध्यान देता हूं और जब टीम को मेरी जरूरत होती है, मैं अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश करता हूं।"

बुमराह का यह बयान उनके आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने साफ कर दिया कि वो बाहरी शोर पर ध्यान नहीं देते, बल्कि उनका फोकस सिर्फ टीम इंडिया के लिए बेहतर प्रदर्शन करने पर होता है।

बुमराह की गेंदबाज़ी का असर सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि विपक्षी बल्लेबाजों के चेहरे पर साफ दिखा। इंग्लैंड की बल्लेबाजी इकाई उनके सामने संघर्ष करती नजर आई। खासकर नई गेंद से उनकी लाइन और लेंथ ने बल्लेबाजों को बांधकर रखा।

इस प्रदर्शन के साथ बुमराह ने यह भी जता दिया कि एक सच्चा खिलाड़ी वही होता है जो हर आलोचना का जवाब मैदान पर देता है, ना कि शब्दों में।

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