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एक पुराना वीडियो फिर से चर्चा में आ गया है, जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान Sourav Ganguly ने कहा था कि महिलाओं को क्रिकेट खेलना “ज़रूरी नहीं” है

sourav ganguly

इस वीडियो में, जो कि एक बंगाली समाचार चैनल ABP Ananda के इंटर्व्यू का है, गांगुली से पूछा गया था कि अगर उनकी बेटी सना क्रिकेट खेलना चाहे तो वह क्या कहेंगे। इस पर उन्होंने हल्के लहजे में कहा था, “मैं उसे कहूंगा कि नहीं-क्योंकि महिलाएं क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं रखती हैं।” यह टिप्पणी तब हल्के अंदाज़ में की गई थी, लेकिन अब जब महिला टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, तब यह वीडियो नए सिरे से सामने आकर गरम चर्चाओं का विषय बन गया है।


 


वहीं दूसरी ओर, भारत की महिला टीम ने ICC Women’s World Cup 2025 में अपना पहला खिताब जीता है—यह उपलब्धि समकालीन खेल-परिस्थितियों में महिला क्रिकेट को मिले समर्थन और प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप मानी जा रही है।इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिलाएं क्रिकेट में सक्षम हैं, उन्हें अवसर मिले तो वे पुरुषों के समकक्ष प्रदर्शन कर सकती हैं। यह पुरानी टिप्पणी उस मानसिकता की झलक है जो कभी-कभी खेल जगत में मौजूद थी — कि महिलाओं का खेल-क्षेत्र में स्थान उतना महत्वपूर्ण नहीं है। अब इस उपलब्धि के बाद ऐसा नहीं कहा जा सकता। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस टिप्पणी को उपलब्धि से जोड़कर देखा है, और बदलाव की दिशा में यह बड़ा संकेत माना जा रहा है विश्लेषकों का कहना है कि यह वीडियो सिर्फ एक पुरानी सोच नहीं बल्कि एक युग-परिवर्तन का प्रतीक बन गया है — जहां महिलाएं न सिर्फ हिस्सा ले रही हैं बल्कि शीर्ष पर जीत भी रही हैं।

इस पूरे प्रसंग से हमें यह सबक मिलता है कि सपनों को उड़ान तभी मिलती है जब उन्हें समर्थन मिले, संसाधन मिले और बराबरी का मौका मिले। महिलाएं क्रिकेट खेल सकती हैं, खेल रही हैं और जीत रही हैं—यह सिर्फ एक संदेश नहीं बल्कि साक्ष्य बन चुका है।

गांगुली की उस टिप्पणी को अब नए नजरिए से देखा जा सकता है: वह उस दौर की मानसिकता का हिस्सा थी, लेकिन वर्तमान घटना — महिला टीम की जीत — यह दिखाती है कि मानसिकता बदल रही है।

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