Rawan Story: रावण के मरने के बाद राक्षसों ने उनके शरीर का क्या किया था ? जाने श्रीलंका के जंगलों से जुड़ा ये बड़ा सच

रामायण के कई महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक महत्वपूर्ण घटना है रावण की मृत्यु। रावण की मृत्यु के बाद उसके शरीर का क्या हुआ, इस पर विभिन्न स्रोतों से अलग-अलग मत मिलते हैं लेकिन दो मत बेहद प्रासंगिक और तर्कसम्मत है। तो चलिए जानते हैं उनके बारे में...
विभीषण ने कर दिया था रावण के दाह-संस्कार से इंकार
एक विवरण के अनुसार, जब रावण की मृत्यु के बाद उसके दाह-संस्कार की बात आई, तो भगवान् राम ने विभीषण को दाह-संस्कार करने कहा लेकिन विभीषण ने इसके लिए साफ़ इनकार कर दिया। उसका कहना था कि रावण एक पापी और दुराचारी था और वह ऐसे व्यक्ति का न तो दाह-संस्कार अपने हाथों से करना चाहता है और ना ही शास्त्रों के अनुसार वह इसके लिए विवश है। फिर भगवान् राम ने विभीषण को समझाया कि रावण की मृत्यु के साथ ही उसके सभी पाप भी समाप्त हो जाते हैं। एक मृत व्यक्ति का हक़ है कि उसका अंतिम संस्कार हो सभी को मरने के बाद उसके कर्मों को क्षमा दे देना चाहिए। इसलिए, तुम्हें भी अपने भाई के लिए अपने मन से नफरत समाप्त कर लेनी चाहिए और रावण का दाह-संस्कार करना चाहिए। भगवान राम के समझाने के बाद विभीषण ने अपने भाई के शरीर को सम्मानपूर्वक दहन किया और उसकी आत्मा के शांति की प्रार्थना की। इसके बाद, रावण के शरीर के बाकी भागों को उसके पुत्र इंद्रजित ने समुद्र में विसर्जित कर दिया।
श्रीलंका में सुरक्षित है रावण का शरीर
एक दूसरे विवरण के अनुसार, विभीषण ने रावण का दाह-संस्कार नहीं किया और रावण का शव यूं ही पड़ा रहा। मान्यता के अनुसार इसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोग अपने साथ लेकर चले क्योंकि उनका विश्वास था कि रावण फिर से जिंदा हो जाएगा। इसलिए, उन्होंने रावण के शव को ममी बना दिया, ताकि वह हजारों सालों तक सुरक्षित रहे। श्रीलंका के इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर के मुताबिक 18 फीट लंबे और 5 फीट चौड़े ताबूत में रावण का शव रखा गया है। उनका मानना है कि इस ताबूत के नीचे रावण का बेशकीमती खजाना है। इस खजाने की रखवाली एक भयंकर नाग और कई खूंखार जानवर करते हैं। जिस पहाड़ की गुफा में रावण के शव रखे जाने का दावा किया जाता है, वह रैगला के जंगलों में 8 हजार फुट की ऊंचई पर स्थित है। श्रीलंका के रैगला के जंगल के बीचों-बीच एक विशालकाय पहाड़ मौजूद है, जहां रावण के शव रखे जाने होने का दावा किया जा रहा है।
मरने के बाद रावण की आत्मा किस लोक में गई कई लोग ये भी जानना चाहते हैं कि रावण की आत्मा आखिर किस लोक में गयी होगी। रावण अत्यंत ज्ञानी और जाति से ब्राह्मण था लेकिन महापापी भी। लोगों में उसकी आत्मा की स्थिति को लेकर यह जिज्ञासा उसके इस विरोधाभास को लेकर ही है। रावण के पाप को देखकरअक्सर लोग सोचते हैं कि वह नर्क गया होगा लेकिन कई स्रोत यह बतलाते हैं कि जब रावण का संहार किया गया था, तो उसने तीन बार भगवान् राम का नाम लिया था। भगवान राम का नाम लेने और उनके द्वारा वध किए जाने के कारण रावण की आत्मा को मोक्ष मिल गया था।