बच्चों की परवरिश करते वक्त याद रखेंगे ये बातें तो नहीं पड़ेंगा पछताना, पढ़ें आज की चाणक्य नीति
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: चाणक्य की नीतियां देश ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध हैं इनकी नीतियों में मनुष्य जीवन के बारे में विस्तार से बताया गया हैं वही चाणक्य की नीतियों का जो भी मनुष्य अनुसरण कर लें उसके जीवन में कभी भी कोई कष्ट नहीं आ सकता हैं चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में संतान की परवरिश को लेकर कुछ खास और महत्वपूर्ण बातें बताई हैं इसके बारे में हम आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बच्चों की पहली शिक्षा उनके घर से ही आरंभ हो जाती हैं ऐसे में माता पिता का ये कर्तव्य है कि वे खासतौर पर उनकी परवरिश पर ध्यान दें। बच्चे अबोध होते हैं और वे उन्हीं बातों का अनुसरण सबसे पहले करते हैं जो उनके माता पिता उनके सामने प्रस्तुत करते हैं। कुछ बच्चे जिद्दी होते हैं और माता पिता की बात नहीं मानते हैं ऐसे बच्चों को मनमानी करने की आदत हो जाती हैं और वो सही और गलत का फर्क नहीं समझ पाते इसलिए बच्चों की इस आदत को बचपन में ही सुधार देना चाहिए इसके लिए बच्चों को प्यार से सही और गलता का फर्क समझाएं।
चाणक्य का मानना था कि बच्चों को हमेशा प्यार से ही समझाना चाहिए क्योंकि मारपीट से बच्चे जिद्दी होते हैं पांच साल के बाद आप बच्चों के साथ थोड़ी सख्ती बरत सकते हैं मगर बच्चों पर हाथ उठाने से बचना चाहिए। बच्चे कई बार माता पिता से झूठ बोलते हैं और मां बाप उसे बच्चे की शैतानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं ऐसे हालात में माता पिता को बच्चे को प्यार से समझाना चाहिए और उसे झूठ बोलने से मना करना चाहिए अगर ये आदत समय रहते नहीं संभाली तो आगे चलकर ये बच्चे का भविष्य खराब कर सकती हैं और उसे गलत राह पर ले जा सकती हैं।
चाणक्य अनुसार बच्चों को बचपन से महापुरुषों की कहानियां सुनानी चाहिए इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती हैं और अच्छे विचार पनपते हैं ऐसे में बच्चों के मन में उनके जैसे बनने की इच्छा विकसित होती हैं अगर महापुरुष बच्चों के रोल मॉडल बनेंगे तो उनका भविष्य भी बेहतर होगा।