मंगल गृह पर जीवन और Aliens की खोज के लिए NASA बना रही कोई बड़ी योजना, 11 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है मिशन का खर्च
विज्ञान न्यूज़ डेस्क - सभी अंतरिक्ष एजेंसियां और वैज्ञानिक इस बात पर सहमत नजर आ रहे हैं कि मंगल ग्रह पर कभी जीवन था। इससे जुड़े कई सबूत भी खोजे जा चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक धरती पर नहीं लाया जा सका है। 2021 से नासा का पर्सिवियरेंस रोवर मंगल ग्रह से चट्टानों और तलछट के नमूने एकत्र कर रहा है। हालांकि, नासा ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि नमूने धरती पर कब तक लाए जाएंगे। पहले नासा इस दशक के अंत तक नमूने धरती पर लाना चाहता था, लेकिन अब इसमें देरी होती दिख रही है।
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा अब दो नई लैंडिंग रणनीतियों पर काम कर रहा है, यानी नमूनों को धरती पर कैसे लाया जाए, इसके लिए दो योजनाएं बनाई जा रही हैं। नासा प्रमुख बिल नेल्सन के मुताबिक, 'दो संभावित मार्गों पर आगे बढ़ने से यह सुनिश्चित होगा कि हमारी पिछली योजना के मुकाबले लागत और समय दोनों की बचत होगी और मंगल ग्रह से नमूने लाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन नमूनों में ऐसी क्षमता हो सकती है कि मंगल ग्रह के बारे में हमारा नजरिया बदल सकता है। मंगल ग्रह पर कभी जीवन था या नहीं, इसका कोई भौतिक प्रमाण नहीं है।
लेकिन अगर वहां जीवन था, तो संभव है कि पर्सिवियरेंस रोवर ने उसके नमूने एकत्र किए हों। उन नमूनों में क्या है, यह जानने के लिए उन्हें धरती पर लाना होगा। उसके बाद ही वैज्ञानिक लैब टेस्टिंग के बाद दुनिया को उनके बारे में बता पाएंगे। शुरुआत में नासा ने मंगल ग्रह के नमूने वापस लाने का बजट 7 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया था। अब इसमें बढ़ोतरी हुई है और बजट 11 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। मिशन में लगातार देरी हो रही है, जिसके बाद नासा को कई कदम उठाने पड़े हैं।