'नीतीश सरकार गरीबों की नहीं, पूंजीपतियों की....' वीडियो में देखे अरवल की धरती से तेजस्वी यादव का बड़ा हमला, जनता से की बदलाव की मांग
आगामी विधानसभा चुनाव की गर्मी अब खेतों में भी दिखने लगी है और इसी क्रम में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अरवल की धरती से नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। जनसभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने तीखी भाषा में कहा कि "नीतीश कुमार की सरकार गरीबों की नहीं, पूंजीपतियों की सरकार बन गई है।" तेजस्वी यादव ने अपने भाषण की शुरुआत किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और महंगाई से त्रस्त आम जनता की समस्याओं से की। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति बदतर हो गई है। नीतीश सरकार केवल आंकड़ों की बाजीगरी कर जनता को भ्रम में रख रही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
उन्होंने जनता से सीधा सवाल पूछा- "क्या आपके घरों में रोजगार आया? क्या युवाओं को नौकरी मिली? क्या गरीबों को अस्पताल में ठीक से इलाज मिला?" इसके जवाब में भीड़ 'नहीं' से गूंज उठी, जिस पर तेजस्वी ने कहा, "तो फिर बताइए, यह सरकार किसके लिए चल रही है?" अपने भाषण में तेजस्वी ने नीतीश कुमार और भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ़ सत्ता में बने रहने के लिए गठबंधन बदलते हैं, लेकिन बिहार की जनता की किसी को चिंता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार की असली प्रतिनिधि है, जो गरीबों, पिछड़ों, दलितों और युवाओं की आवाज़ बनकर खड़ी है।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार द्वारा किए गए ज़्यादातर वादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "हर साल नौकरी देने की बात होती थी, लेकिन हर साल युवा सिर्फ़ फॉर्म भरते रह जाते हैं।"इस जनसभा में भारी भीड़ उमड़ी थी, जिसमें बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और किसान मौजूद थे। तेजस्वी यादव की बात सुनते हुए कई लोगों की आँखों में उम्मीद की चमक दिखाई दी। उन्होंने कहा कि अगर जनता उन्हें मौका देगी, तो बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार को प्राथमिकता दी जाएगी।
सभा के अंत में तेजस्वी ने लोगों से "झूठ और छल की राजनीति को नकारकर सामाजिक न्याय की सरकार चुनने" की अपील की।इस जनसभा के माध्यम से तेजस्वी यादव ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह नीतीश सरकार को खुली चुनौती देने के लिए तैयार हैं और आगामी चुनाव में गरीब-वंचित वर्ग की पीड़ा को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष करने वाले हैं।यह भाषण एक बार फिर बिहार की राजनीति में तेजस्वी और नीतीश के बीच टकराव की पृष्ठभूमि तैयार करता दिख रहा है।

