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सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर मचा बवाल! बिना नागरिकता के 1980 की वोटर लिस्ट कैसे आया नाम ?

सोनिया गांधी की नागरिकता को लेकर मचा बवाल! बिना नागरिकता के 1980 की वोटर लिस्ट कैसे आया नाम ?

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया है। स्पेशल जज की कोर्ट ने सोनिया गांधी को इस आरोप के संबंध में नोटिस जारी किया है कि उन्होंने भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले, 1980 में वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाया था। कोर्ट ने यह नोटिस पहले की एक याचिका को खारिज किए जाने के खिलाफ दायर एक रिवीजन याचिका के जवाब में जारी किया है।

सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल होने के संबंध में नोटिस जारी किया गया है। इस संबंध में एक याचिका खारिज कर दी गई थी, जिसके खिलाफ एक रिवीजन याचिका दायर की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने 1983 में नागरिकता हासिल करने से पहले 1980 की वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाया था।

सोनिया गांधी के खिलाफ याचिका दायर

याचिकाकर्ता, विकास त्रिपाठी ने सोनिया गांधी के खिलाफ फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की उनकी याचिका को खारिज करने वाले मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में शामिल किया गया था, जबकि वह 1983 में ही भारतीय नागरिक बनीं। याचिका में कहा गया है कि यह इंगित करता है कि उनके नाम को पहली बार शामिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया होगा।

विकास त्रिपाठी ने तर्क दिया कि यह एक संज्ञेय अपराध है और FIR दर्ज की जानी चाहिए। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACMM) वैभव चौरसिया ने 11 सितंबर के एक आदेश में इस याचिका को खारिज कर दिया था। ACMM ने कहा कि वोटर लिस्ट से संबंधित मुद्दों की जांच करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है और यह संविधान के अनुच्छेद 329 का उल्लंघन होगा, क्योंकि ये मामले संवैधानिक निकायों के दायरे में आते हैं। इसके बाद, विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में एक नई याचिका दायर की, जिसके बाद सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया गया। कोर्ट ने सोनिया गांधी से जवाब मांगा

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर नागरिकता हासिल किए बिना वोटर लिस्ट में कथित तौर पर धोखाधड़ी से नाम शामिल करने के संबंध में सोनिया गांधी के खिलाफ दायर एक रिवीजन याचिका पर उनका जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल, 1983 को नागरिकता प्राप्त की थी, जबकि उनका नाम 1980 की वोटर लिस्ट में शामिल था। याचिका में सवाल उठाया गया कि 1980 की नई दिल्ली वोटर लिस्ट में उनका नाम कैसे शामिल किया गया। 1982 में सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था। याचिका में सवाल उठाया गया था कि इसे क्यों हटाया गया। इसमें यह भी पूछा गया था कि अगर उन्हें 1983 में ही नागरिकता मिली थी, तो 1980 की वोटर लिस्ट में उनका नाम किस आधार पर शामिल किया गया था, और क्या जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया था।

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