नाइजीरिया: मेडिकल चेकअप के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे अपहरणकर्ताओं से रिहा कराए गए 100 बच्चे
अबुजा, नाइजीरिया, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। क्रिश्चियन एसोसिएशन ऑफ नाइजीरिया (सीएएन) ने कहा कि अपहरणकर्ताओं से बचाए गए 100 नाइजीरियाई स्कूली बच्चों का एक समूह मंगलवार को मेडिकल चेकअप के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
ये छात्र उन 300 से ज्यादा छात्रों और 12 स्टाफ में शामिल थे जिन्हें 21 नवंबर की सुबह सेंट मैरी बोर्डिंग स्कूल से बंदूकधारियों ने अगवा कर लिया था। यह देश में एक दशक से ज्यादा समय में हुए सबसे बुरे मास किडनैपिंग मामलों में से एक है।
न्यूज एजेंसी ऑफ नाइजीरिया (एनएएन) ने बच्चों से बात की। बताया कि सभी को एक तंबू में रखा गया था और उन्हें शोर न मचाने के लिए कहा जाता था। धमकाया जाता कि अगर बच्चों ने शोर मचाया तो उनकी पिटाई होगी और घर भी नहीं जाने दिया जाएगा। बच्चे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए), मलम नुहु रिबाडु की मौजूदगी में सरकार के नुमाइंदों को सौंपे गए।
रिबाडू ने बताया कि बच्चों को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (ओएनएसए) के कार्यालय, डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट सर्विसेज (डीएसएस), आर्म्ड फोर्सेज और दूसरी सिक्योरिटी एजेंसियों के संयुक्त अभियान के जरिए बचाया गया।
उन्होंने कहा कि संघीय सरकार संवेदनशील इलाकों में तुरंत सुरक्षा के उपाय करेगी, साथ ही राज्य सरकारों के साथ-साथ धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर लंबे समय तक चलने वाले, कम्युनिटी-बेस्ड समाधान बनाने का काम कर रही है।
रिबाडू ने कहा कि असुरक्षा के कारण हर बच्चे को उसके शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।
बच्चों का स्वागत करते हुए, नाइजर राज्य के गवर्नर, मोहम्मद उमरू बागो ने माता-पिता और सरकार दोनों के लिए एक बड़ी राहत बताया। उन्होंने बचाव के लिए जरूरी मदद देने के लिए राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू को धन्यवाद दिया।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार बचाए गए बच्चों को मेंटल हेल्थ सपोर्ट पर रखा जाएगा। नाइजर राज्य के अधिकारियों ने बताया कि आजाद कराए गए स्टूडेंट्स का सोमवार रात को मेडिकल चेकअप हुआ।
उत्तरी कडुना राज्य की यूनिसेफ फील्ड ऑफिसर थेरेसा पम्मा ने कहा कि बच्चे मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से भी बात करेंगे।
पम्मा ने कहा कि स्कूल और जिन समुदायों से कुछ छात्र आते हैं, उनके टीचर्स को किसी ट्रॉमा से जूझ रहे बच्चों को संभालने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
पम्मा ने कहा कि दो हफ्ते कैद में रहने के बाद, "उन बच्चों को कुछ मदद की जरूरत है।"
--आईएएनएस
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