मध्यप्रदेश नई शिक्षा नीति में देश में नंबर-1 बना : सीएम मोहन यादव
भोपाल, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में रविवार को 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 : क्रियान्वयन, चुनौतियां और संभावनाएं' विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि रहे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आज राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ नई शिक्षा नीति के पांच साल पूरे होने पर आयोजित कार्यशाला में शामिल हुआ। मध्यप्रदेश इस नीति को लागू करने में पूरे देश में सबसे आगे है। हमने इसे सिर्फ किताबी पढ़ाई तक सीमित नहीं रखा, बल्कि कौशल विकास, नवाचार और अपनी संस्कृति के पुनर्जागरण से भी जोड़ा है।"
सीएम ने गर्व जताते हुए बताया कि इंदौर और रतलाम के दो सांदीपनि विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर 'सर्वश्रेष्ठ विद्यालय' चुना गया है। ये दोनों स्कूल नई शिक्षा नीति के मॉडल के रूप में पूरे देश में चर्चित हैं।
कार्यशाला में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "मध्यप्रदेश ने जिस तेजी और गंभीरता से एनईपी-2020 को लागू किया है, वह अन्य राज्यों के लिए मिसाल है। यहां मातृभाषा में पढ़ाई, व्यावसायिक शिक्षा को दसवीं से शुरू करना और डिजिटल लर्निंग जैसे कदम सराहनीय हैं।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब पहली कक्षा से ही कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू हो गई है। 920 से ज्यादा सीएम राइज स्कूल बन चुके हैं। हर जिले में कम से कम एक मेडिकल और एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का लक्ष्य पूरा होने की ओर है। संस्कृत और प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, "शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और देशभक्ति का माध्यम है। मध्यप्रदेश इस दिशा में सही रास्ते पर चल रहा है।"
कार्यशाला में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कॉलेज प्राचार्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षाविद् शामिल हुए।
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